अयोध्या: उत्तर प्रदेश के 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का एलान कर दिया गया है 13 नवंबर को मतदान और 23 नवंबर को मतगणना होगी. लेकिन मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर पेंच फंस गया है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने मिल्कीपुर में उपचुनाव नहीं कराने का कारण हाईकोर्ट में दायर याचिका को बताया है. वहीं मिल्कीपुर के बहाने विपक्ष बीजेपी पर हमलावर है. अखिलेश यादव और कांग्रेस के प्रवक्ता ने एक्स पर पोस्ट लिखकर हार के डर से चुनाव नहीं कराने का आरोप लगाया है.
दरअसल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में सपा से अवधेश प्रसाद ने इस सीट से जीत दर्ज की थी. दूसरे नंबर पर भाजपा के बाबा गोरखनाथ रहे थे. उन्होंने इसी चुनाव को लेकर लखनऊ हाईकोर्ट में रिट दाखिल की थी. बाबा गोरखनाथ ने जानकारी दी है कि, अवधेश प्रसाद ने नॉमिनेशन के समय जो हलफनामा नोटरी दाखिल किया था. उसकी डेट एक्सपायर थी जबकि नियम है नोटरी की डेट एक्सपायर है तो नॉमिनेशन कैंसिल कर दिया जाता है. कई प्रत्याशियों के पर्चे पहले भी रद्द हो चुके हैं. लेकिन इनका पर्चा नहीं रद्द हुआ.
वहीं इस पर सियासत भी शुरू हो गई है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर आक्रामक पोस्ट कर लिखा है कि, 'जिसने जंग टाली है, समझो उसने जंग हारी है'. इस पोस्ट के मायने निकाले जा रहे हैं कि, बीजेपी हार से डर से चुनाव नहीं करा रही है. इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने भी एक्स पर बयान जारी कर कहा कि, 'मिल्कीपुर में अयोध्या लोकसभा की तरह सबसे बड़ी हार होगी भाजपा की, एक देश एक चुनाव का राग अलापने वाली BJP एक साथ उपचुनाव भी न करा पाई, तमाम इंजन वाली भाजपा सरकार एक साथ उपचुनाव कराने से डर गई, 10 सीटों के उपचुनाव में मिल्कीपुर विधानसभा चुनाव में एक साथ चुनाव न कर कर बीजेपी ने लोकतंत्र और संविधान की हत्या की है, अयोध्या का अपमान किया है, लोगों के मौलिक मताधिकार के हक को छीना है , मिल्कीपुर के लोग इसका हिसाब किताब बीजेपी को सबसे बड़ी हार देकर करेंगे'.