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रियल एस्टेट से लेकर स्टार्टअप सेक्टर को बजट से खास उम्मीद, जीएसटी स्लैब में छूट की आस - बजट से उद्योगपतियों को उम्मीद

1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी. रियल एस्टेट से जुड़े लोग भी बजट से काफी उम्मीद लगाए बैठे हैं. रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े लोगों ने जीएसटी स्लैब में छूट की आस लगाई. वहीं उद्योगपतियों का कहना है कि सरकार के मापदंड को पूरा करने के लिए उन्हें सरकारी कार्यालय के धक्के खाने पड़ते हैं. इसलिए कोई ऐसी सिंगल विंडो बनाई जाए.

union budget 2024
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 30, 2024, 6:07 PM IST

रियल एस्टेट से लेकर स्टार्टअप सेक्टर को बजट से खास उम्मीद

गुरुग्राम: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी. चुनावी साल होने की वजह से हर सेक्टर बजट से काफी उम्मीद लगाए बैठा है. गुरुग्राम में इंडस्ट्रियलिस्ट और स्टार्टअप्स को भी बजट से काफी उम्मीदें हैं. स्टार्टअप कंपनी FUNNGRO की फाउंडर एंड सीईओ पायल जैन ने कहा कि स्किल इंडिया और महिला सशक्तिकरण को लेकर बजट में कुछ ना कुछ जरूर होना चाहिए.

रियल एस्टेट से जुड़े लोग भी बजट से काफी उम्मीद लगाए बैठे हैं. आपको बता दें कि साइबर सिटी गुरुग्राम को रियल स्टेट का हब कहा जाता है. बड़ी-बड़ी कंपनियों के दफ्तर गुरुग्राम में हैं. रियल एस्टेट से जुड़े लोगों की माने, तो कोरोना के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी जरूर देखने को मिली है, लेकिन इस सेक्टर में जुड़े लोगों को उम्मीद है कि उन्हें जीएसटी स्लैब में थोड़ी राहत मिल सकती है.

वहीं शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि इस बजट से उन्हें बेहद उम्मीदें हैं, क्योंकि कोरोना काल के बाद शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है. स्कूल संचालक चेयरमैन प्रदीप कौशिक ने कहा कि शिक्षा अब डिजिटल माध्यम से भी हो रही है, लेकिन डिजिटल प्रोजेक्टर से लेकर अन्य सामान खरीदने के लिए उन्हें 18 पर्सेंट जीएसटी देना पड़ता है. अगर सरकार उसमें रियायत दे, तो उन्हें बेहद फायदा मिलेगा.

उन्होंने कहा कि शिक्षा को सरकार विशेष दर्जा देने पर ध्यान दें. उद्योगपति केके गांधी की माने जिस तरह से सरकार ने इलीगल कॉलोनी को लीगल करने के लिए प्रावधान बनाया है. उसी तर्ज पर इलीगल फैक्ट्री को लीगल करने के लिए भी प्रावधान बनाए, ताकि उन लोगों को भी सुविधा मिल सके, जो जीएसटी के साथ सरकार के तमाम मापदंड पूरे कर रहे हैं.

यही नहीं उद्योगपतियों का कहना है कि सरकार के मापदंड को पूरा करने के लिए उन्हें सरकारी कार्यालय के धक्के खाने पड़ते हैं. इसलिए कोई ऐसी सिंगल विंडो बनाई जाए, जहां से तमाम सुविधा इंडस्ट्रीज को मिल सके और उन्हें राहत मिल सके. बहरहाल इस बजट से आम जनता से लेकर औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को बेहद उम्मीदें हैं. देखना होगा कि लोगों की उम्मीदों पर आने वाला बजट कितना खरा उतरेगा.

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