पटना:पीएमसीएच परिसर स्थित इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में 2 वर्ष पहले 9 मंजिला नए भवन में दो कैथलैब मशीन का शुभारंभ किया गया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 14-14 करोड़ की लागत से खरीदी गई दो कैथलैब मशीन का शुभारंभ किया था, ताकि हृदय रोग से पीड़ित मरीज का बेहतर इलाज हो सके, लेकिन फिलहाल मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
14 करोड़ की मशीन का तार चूहों ने काटा: पिछले 15 दिनों से एक कैथलैब मशीन बंद पड़ी हुई है. मशीन का तार चूहों पर काटने का आरोप है. इसके कारण 15 दिनों में लगभग 300 के करीब ऑपरेशन टल गए हैं. कैथलैब से एंजियोग्राफी, स्टेंटींग, पेसमेकर लगाने, दिल में छेद बंद होने जैसे जटिल ऑपरेशन किए जाते हैं. अस्पताल की एक वरिष्ठ चिकित्सक ने जानकारी दी कि लगभग 15 दिन पहले एक कैथलैब मशीन के तार को चूहों ने कुतर दिया है, जिससे मशीन खराब हो गई है.
"ऐसे में एक मशीन पर अत्यधिक दबाव बढ़ गया है और ऑपरेशंस की संख्या आधी हो गई है. बीएमएसआईसीएल के माध्यम से यह मशीन लगा था और मशीन के इंस्टॉलेशन से अगले 5 वर्ष तक मशीन का मेंटेनेंस सप्लायर एजेंसी के जिम्मे है."- वरिष्ठ चिकित्सक, IGIC
टल रहा ऑपरेशन:नियम के मुताबिक मशीन खराब होने के 24 घंटे भीतर इसे दुरुस्त कर लिया जाना है, लेकिन 15 दिनों तक भी यह मशीन ठीक नहीं हुई है. इससे प्रतिदिन काफी मरीजों का ऑपरेशन टल रहा है.
'जल्द दुरुस्त करा लिया जाएगा मशीन':आईजीआईसी के निदेशक डॉक्टर सुनील कुमार ने जानकारी दी कि मरीजों की यहां भारी भीड़ होती है, इसलिए एक मशीन पर लोड बढ़ गया है. तीन शिफ्ट में एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, स्टेंटिंग और पेसमेकर लगाने का काम चल रहा है.
"बीएमएसआईसीएल को मशीन खराब होने की सूचना दी गई है, लेकिन मशीन का सामान दूसरे देश से आता है. इसके लिए आर्डर गया हुआ है और एजेंसी ने अगले दो से तीन दिनों में मशीन को दुरुस्त कर लेने का आश्वासन दिया है."-डॉक्टर सुनील कुमार,निदेशक,आईजीआईसी