रतलाम: मध्य प्रदेश में सोयाबीन को एमएसपी पर खरीदे जाने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद सोयाबीन के दाम 6000 पार की मुहिम शुरू करने वाले नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है. सोयाबीन उत्पादक किसान और किसान नेताओं का कहना है कि "कृषि मंत्री एमएसपी पर सोयाबीन खरीदने की घोषणा जरूर कर रहे हैं, लेकिन यह तो पहले से ही लागू है. फिर अब तक सोयाबीन समर्थन मूल्य पर क्यों नहीं खरीदी जा रही थी." वहीं, सोयाबीन महापंचायत का आह्वान करने वाले किसान नेताओं ने कहा कि "उन्हें सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹6000 प्रति क्विंटल से कम मंजूर नहीं है."
एमएसपी पर सोयाबीन खरीदी को मिली मंजूरी
गौरतलब है कि, एमपी में किसानों को एमएसपी पर सोयाबीन की खरीदी के प्रस्ताव को मंजूरी पर सबसे पहले कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान आया है. उन्होंने कहा कि ''मध्य प्रदेश सरकार की ओर से मांग आएगी तो केन्द्र सरकार सोयाबीन की खरीदी करवाएगी." कृषि मंत्री ने कहा, ''हम इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं, कि किसानों का सोयाबीन एमएसपी पर खरीदें.'' जिस समय शिवराज ने बयान दिया उसके कुछ घंटे बाद हुई कैबिनेट की बैठक में सोयाबीन को 4892 रुपए के समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने का प्रस्ताव केन्द्र को मंजूरी के लिए भेजा गया.
आंदोलन लगातार रहेगा जारी: किसान नेता
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोयाबीन की एमएसपी पर खरीदी की मंजूरी दे दी. हालांकि इस मामले पर रतलाम में किसान नेता डीपी धाकड़, समरथ पाटीदार, राजेश पुरोहित, भगवती लाल पाटीदार जैसे किसान नेताओं से प्रतिक्रिया ली गई, तो उन्होंने सोयाबीन की एमएसपी ₹6000 प्रति क्विंटल किए जाने की मांग दोहराई है. किसान नेताओं का कहना है कि "उनका आंदोलन और मुहिम जारी रहेगी. जब तक किसानों को सोयाबीन में लाभप्रद कीमत नहीं मिल जाती, तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा.