रतलाम: जिला मुख्यालयों में प्रत्येक मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में आवेदकों के चक्कर लगाने का सिलसिला खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. रतलाम में मंगलवार को फिर 2 बेरोजगार युवक बिना सुनवाई के ही घर लौटने को मजबूर हो गए. आवेदकों के माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन आदिवासी जाति कल्याण विभाग के चक्कर लगाते-लगाते दोनों अनाथ युवक थक चुके हैं. जनसुनवाई में भी उन्हें वही रटा-रटाया जवाब दे दिया गया कि विभाग में पद रिक्त नहीं होने से अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा रही है. वहीं, उनके पिता सुरेश पारगी के एनपीएस अकाउंट की राशि और मृत्यु उपरांत मिलने वाली विभागीय सहायता भी इन्हें नहीं मिल पाई है.
पिता की मृत्यु के 3 साल बाद भी नहीं मिली राशि
दरअसल, जनसुनवाई में आवेदक अविनाश पारगी और उसके छोटे भाई ने जनसुनवाई कर रहे अधिकारी के सामने गुहार लगाई कि उनके पिता सुरेश पारगी की 3 वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी है. वहीं, उनकी माता का भी देहांत 6 साल पहले हो चुका है. दोनों अनाथ हो गए हैं और वे बेरोजगार है, लेकिन उन्हें अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल रही है. पिता की मृत्यु के 3 वर्ष बाद भी एनपीएस की राशि नहीं मिली है.