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आक्रोश मार्च में बवाल मामलाः रांची पुलिस ने दिया बाबूलाल मरांडी को जवाब, कहा- सारे आरोप निराधार - Babulal Marandi allegations

Police response to Babulal Marandi. रांची में भाजपा की आक्रोश रैली के दौरान पुलिसिया व्यवहार को लेकर बाबूलाल मरांडी ने तल्ख टिप्पणी की थी. जिस पर रांची पुलिस की तरफ से बयान जारी किया गया है. जिसमें सारे आरोपों को निराधार बताया है.

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 26, 2024, 10:08 AM IST

BABULAL MARANDI ALLEGATIONS
बाबूलाल मरांडी, पुलिस और आक्रोश मार्च की तस्वीर (ईटीवी भारत)

रांचीः शुक्रवार को भाजयुमो के आक्रोश मार्च के दौरान पुलिस के द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का प्रयोग किया गया था. इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने रांची पुलिस पर कई तरह के आरोप लगाए थे. बाबूलाल मरांडी के आरोपों का रांची पुलिस के द्वारा एक पर लिखित रूप से जवाब दिया गया है. जिसमें यह बताया गया है कि पुलिस द्वारा अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन किया गया था, ताकि कानून व्यवस्था की स्थिति ना बिगड़े.

क्या लिखा गया है पोस्ट में

रांची पुलिस के द्वारा बाबूलाल मरांडी के लगाए गए आरोपों के जवाब में लिखा गया है कि महोदय आपके द्वारा रांची पुलिस के ऊपर लगाए गए सभी आरोप तथ्य से सर्वथा परे और निराधार हैं. पुलिस के द्वारा सभी जिम्मेवारियों का निष्ठा पूर्वक निर्वहन किया गया है. रांची पुलिस के अनुसार सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध वीडियो फुटेज का यदि निष्पक्ष अवलोकन किया जाए तो ज्ञात होगा कि रांची पुलिस ने बेहद संयम का परिचय देते हुए विधि -व्यवस्था संधारण के लिए आवश्यक न्यूनतम बल का प्रयोग किया है.

रांची एससपी और दूसरे पुलिस के अधिकारियों के द्वारा कार्यकर्ताओं से लगातार अनुरोध किया जा रहा था कि वह पत्थर ना चलाएं, बैरिकेड ना तोड़े एवं अपना कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से चलाएं. मौके पर मौजूद सभी माननीय सांसदों और विधायकों से भी अनुरोध किया जा रहा था कि वह कार्यकर्ताओं को ऐसा करने से रोके, लेकिन इसके बावजूद पुलिस पर बड़े पत्थर बरसाए गए और बेरिकेड तोड़ने का प्रयास लगातार जारी रहा. जिससे कुछ पुलिस पदाधिकारी और कर्मी घायल भी हुए हैं.

कई कार्यकर्ता पुलिस पर पत्थर फेंकते समय भारत माता की जय किनारे लग रहे थे. इस दृश्य के परिपेक्ष में मीडिया के द्वारा पूछे जाने पर ही रांची एससपी के द्वारा या बयान दिया गया भारत माता की जय कहकर पुलिस जवानों पर पत्थर फेंकना गलत है. कहीं से भी वरीय पुलिस अधीक्षक का यह बयान आपत्तिजनक नहीं था.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता बनी पुलिस, निराधार आरोप

बाबूलाल मरांडी ने रांची पुलिस के अफसरों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता की तरह काम करने का आरोप लगाया था. इसका जवाब देते हुए रांची पुलिस के द्वारा लिखा गया है कि जब रांची के सीनियर एसपी सरायकेला में तैनात थे तब माननीय मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में व्यवधान डालने के आरोप में कई झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया था. रांची पुलिस ने अभी लिखा है कि माननीय मुख्यमंत्री का पद एक उच्च स्तरीय संवैधानिक पद है, जिसकी सुरक्षा के सभी पहलू संबंदनशील होते हैं इसके संधारण के लिए पुलिस को अडिग रहना पड़ता है.

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि शुक्रवार को भाजयुमो की ओर से मोरहाबादी मैदान में आक्रोश रैली आयोजित की गई थी. इस दौरान रैली में शामिल कार्यकर्ताओं ने सीएम आवास का घेराव करने का प्रयास किया. उन्हें रोकने के लिए पुलिस की ओर से जगह-जगह पर कंटीले तार से बैरिकेडिंग की गई थी. उस बैरिकेडिंग को कार्यकर्ता तोड़ने लगे, जिसे मौजूद पुलिसकर्मियों ने पहले उन्हें माइक से मना किया गया. नहीं मानने पर उन पर वाटर कैनन से पानी फेंका गया. इसी दौरान कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने आंसु गैस के गोले दागे. इस घटना में पुलिस और भाजपा कार्यकर्ता भी घायल हुए थे. इसी मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने रांची पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए थे.

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