रांचीः शुक्रवार को भाजयुमो के आक्रोश मार्च के दौरान पुलिस के द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का प्रयोग किया गया था. इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने रांची पुलिस पर कई तरह के आरोप लगाए थे. बाबूलाल मरांडी के आरोपों का रांची पुलिस के द्वारा एक पर लिखित रूप से जवाब दिया गया है. जिसमें यह बताया गया है कि पुलिस द्वारा अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन किया गया था, ताकि कानून व्यवस्था की स्थिति ना बिगड़े.
क्या लिखा गया है पोस्ट में
रांची पुलिस के द्वारा बाबूलाल मरांडी के लगाए गए आरोपों के जवाब में लिखा गया है कि महोदय आपके द्वारा रांची पुलिस के ऊपर लगाए गए सभी आरोप तथ्य से सर्वथा परे और निराधार हैं. पुलिस के द्वारा सभी जिम्मेवारियों का निष्ठा पूर्वक निर्वहन किया गया है. रांची पुलिस के अनुसार सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध वीडियो फुटेज का यदि निष्पक्ष अवलोकन किया जाए तो ज्ञात होगा कि रांची पुलिस ने बेहद संयम का परिचय देते हुए विधि -व्यवस्था संधारण के लिए आवश्यक न्यूनतम बल का प्रयोग किया है.
रांची एससपी और दूसरे पुलिस के अधिकारियों के द्वारा कार्यकर्ताओं से लगातार अनुरोध किया जा रहा था कि वह पत्थर ना चलाएं, बैरिकेड ना तोड़े एवं अपना कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से चलाएं. मौके पर मौजूद सभी माननीय सांसदों और विधायकों से भी अनुरोध किया जा रहा था कि वह कार्यकर्ताओं को ऐसा करने से रोके, लेकिन इसके बावजूद पुलिस पर बड़े पत्थर बरसाए गए और बेरिकेड तोड़ने का प्रयास लगातार जारी रहा. जिससे कुछ पुलिस पदाधिकारी और कर्मी घायल भी हुए हैं.
कई कार्यकर्ता पुलिस पर पत्थर फेंकते समय भारत माता की जय किनारे लग रहे थे. इस दृश्य के परिपेक्ष में मीडिया के द्वारा पूछे जाने पर ही रांची एससपी के द्वारा या बयान दिया गया भारत माता की जय कहकर पुलिस जवानों पर पत्थर फेंकना गलत है. कहीं से भी वरीय पुलिस अधीक्षक का यह बयान आपत्तिजनक नहीं था.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता बनी पुलिस, निराधार आरोप