रांची:झारखंड के डीजीपी के निर्देश पर राजधानी रांची में डायल 112 को बेहद सशक्त बनाया जा रहा है इसके लिए बाकायदा डायल 112 का क्यूआर कोड भी पूरे शहर भर में चिपकाए गए हैं. डायल 112 का रिस्पांस भी बेहतर मिल रहा है लेकिन पुलिस की मदद के लिए मिलने वाले इस इमरजेंसी सेवा का कई लोग दुरुपयोग भी कर रहे हैं. इस वजह से पुलिस का कीमती समय बर्बाद हो रहा है.
पति पत्नी के झगड़े ज्यादा
डायल 112 पुलिस की एक ऐसी इमरजेंसी सेवा है जिस पर फोन करके आप त्वरित पुलिस की मदद प्राप्त कर सकते हैं. डायल 112 पर आने वाली शिकायतों पर तुरंत एक्शन हो रहा है या नहीं इस पर वरीय पुलिस अधिकारी नजर भी रखते हैं, यही वजह है कि डायल 112 के रिस्पांस टाइम को लेकर पुलिसकर्मी भी बेहद सजग रहते हैं. लेकिन कुछ लोग डायल 112 जैसी इमरजेंसी सेवा का दुरुपयोग कर रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि डायल 112 में खास कर रात के समय सबसे ज्यादा मामले पति-पत्नी के बीच लड़ाई को लेकर सामने आते हैं. वहीं घरेलू झगड़ा की शिकायत भी रात में सबसे ज्यादा आती है.
रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि घरेलू विवाद के मामले डायल 112 के जरिए सबसे ज्यादा आ रहे हैं. हालांकि पुलिस इन मामलों में संज्ञान लेती है और मौके पर पहुंचकर मामले को सुलझाती भी है. अधिकांश मामलों में ससुराल में मारपीट, पति के साथ मारपीट, तो कहीं-कहीं भाई-भाई में भी मारपीट की सूचनाओं डायल 112 से ही दी जा रही है. रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि सबसे ज्यादा मामले पति-पत्नी के झगड़ों को लेकर ही आते हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बेवजह फोन करके पुलिस को परेशान करते हैं.
महिलाओं के सबसे ज्यादा कॉल
साल 2024 के जनवरी महीने से लेकर अगर हम अगस्त 2024 महीने के 23 तारीख की आंकड़ों की बात करें तो डायल 112 में 12439 शिकायतें प्राप्त हुई. जिम ग्रामीण थाना क्षेत्र से कल शिकायत 4122 थी. वहीं शहरी थाना क्षेत्र से कल शिकायत 8317 आई थी. डायल 112 में आई शिकायतों में मात्र 99 में थानों में कांड दर्ज किए गए. कॉल करने वाले में महिलाओं की संख्या अधिक थी.
इन आंकड़ों को देखकर आप यह समझ सकते हैं कि 12439 मामलों में मात्र 99 मामले ही गंभीर किस्म के थे जिसमें पुलिस को कांड दर्ज करना पड़ा. जबकि बाकी अधिकांश मामले ऐसे थे जो मामूली विवाद के थे, लेकिन पुलिस को उसे विवाद को सुलझाने के लिए भी घंटों परेशान रहना पड़ा. जानकार बताते हैं कि इस तरह के विवाद परिवार में भी सुलझाया जा सकते है. लेकिन बेवजह क्राइम कंट्रोल में लगी पुलिस को ऐसे मामलों में फंसा कर समय की बर्बादी की जाती है.
किस तरह के मामले आ रहे हैं सामने