गिरिडीह:खनन पर रोक के बावजूद पत्थर निकालने और बेचने का काम जारी रखने के मामले में कार्रवाई की गई है. राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (सिया) के निर्देशों का उल्लंघन करने पर यह कार्रवाई की गई है.
दरअसल, पिछले दिनों वन विभाग के क्षेत्रीय वन प्रबंधक ने गिरिडीह वन प्रमंडल पदाधिकारी को स्थलीय जांच करने का निर्देश दिया था. इस जांच में पाया गया कि खदान का पट्टा गलत तरीके से लिया गया है. ऐसे में सिया से पट्टा रद्द करने की अनुशंसा की गई थी. 6 नवंबर 2024 को सिया ने स्थगन आदेश जारी कर दिया. इसके बावजूद खनन विभाग की चुप्पी के कारण खनन जारी रहा.
इस बीच जब डीसी नमन प्रियश लकड़ा को मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने जांच का आदेश दिया. जांच में पाया गया कि स्थगन आदेश से जनवरी 2025 तक 10 लाख 27 हजार 500 घन मीटर खनिज पत्थर का प्रेसन किया गया है.
जिला खनन अधिकारी सत्यजीत के अनुसार, प्रतिबंध के बावजूद खनन करने के इस मामले में मेसर्स रामजानकी स्टोन पर 3 करोड़ 78 लाख 12 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माने की यह राशि 15 दिन के भीतर जमा करानी होगी. ऐसा न करने पर खनन पट्टा शेष अवधि के लिए समाप्त कर दिया जाएगा.