रामगढ़: रामगढ़ डीसी चंदन कुमार ने मनरेगा घोटाले में शामिल तत्कालीन बीडीओ और नाजिर के खिलाफ कार्रवाई की है. उन्होंने तत्कालीन बीडीओ किस्टो कुमार बेसरा के खिलाफ प्रपत्र 'ए' गठित किया है, जिसके तहत राज्य सरकार ने उनकी सेवा से बर्खास्तगी की अनुशंसा की है. वहीं, तत्कालीन नाजिर मोहम्मद गुलाम रसूल की सेवा समाप्त कर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई है.
रामगढ़ जिले के उपायुक्त ने वर्ष 2014-15 में गोला प्रखंड में सुनियोजित तरीके से 74 लाख 62 हजार 632 रुपये की अवैध निकासी और 44 लाभुकों को चेक का वितरण नहीं करने के मामले में तत्कालीन नाजिर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का आदेश दिया है. वहीं तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी किस्टो बेसरा के खिलाफ प्रपत्र 'ए' गठित किया जाएगा.
गोला प्रखंड के तत्कालीन नाजिर सह उर्दू अनुवादक मोहम्मद गुलाम रसूल के विरुद्ध 124 योजनाओं में से 59 योजनाओं की नकल कर एवं इस तरह से योजनाबद्ध तरीके से 74 लाख 62 हजार 632 रुपये की अवैध निकासी करने तथा अपने कार्यकाल में निर्गत 44 चेकों का लाभुकों के बीच वितरण नहीं करने का आरोप लगा था. इसी को लेकर डीसी ने विभागीय कार्रवाई की है. झारखंड सरकारी सेवक नियमावली 2016 के भाग-V 14 (ix) के तहत मोहम्मद गुलाम रसूल के विरुद्ध अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड अधिरोपित किया गया है. हालांकि, चूंकि संबंधित मामला उच्च न्यायालय में लंबित है, इसलिए बाद में पारित आदेश के अनुसार अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश प्रभावी रहेगा.
इसी मामले में डीसी ने तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी गोला कीस्टो कुमार बेसरा के विरुद्ध उक्त कृत्य के लिए विभागीय कार्रवाई करने के लिए तत्काल प्रस्ताव उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. डीसी चंदन कुमार ने बताया कि अनुशासनिक कार्रवाई के लिए आदेश पारित किया गया है. जिसमें गोला के तत्कालीन नाजिर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है. उनके खिलाफ यह साबित हो चुका है कि गोला में रहते हुए उन्होंने मनरेगा योजनाओं में मिलीभगत कर 124 में से 59 योजनाओं की नकल की थी, यानी एक ही काम के लिए दो बार भुगतान लिया था. इस दौरान करीब 75 लाख रुपये की अवैध निकासी की गई थी. पूरे मामले को लेकर प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी.