रांची: पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के बागी तेवर के बाद से कोल्हान की राजनीति गरमाई हुई है. शह और मात का खेल शुरू हो गया है. 30 अगस्त को एक तरफ चंपाई सोरेन भाजपा ज्वाइन करने जा रहे हैं तो दूसरी तरफ हेमंत कैबिनेट में रामदास सोरेन को शामिल करने की तैयारी चल रही है. राज्यपाल उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाएंगे. चंपाई सोरेन के इस्तीफे के बाद कैबिनेट में मंत्री का एक पद रिक्त हो गया था. लिहाजा, सीएम हेमंत सोरेन ने कोल्हान को तरजीह देते हुए रामदास सोरेन को मंत्री बनाने का फैसला लिया.
रामदास की घाटशिला में है जबरदस्त पकड़
रामदास सोरेन कोल्हान प्रमंडल के घाटशिला से झामुमो के विधायक हैं. वह दूसरी बार विधायक बने हैं. उन्होंने पहला चुनाव 1995 में जमशेदपुर पूर्वी से रघुवर दास के खिलाफ लड़ा था. तब उन्हें महज 7,306 वोट मिले थे. उस चुनाव में रघुवर दास की जीत हुई थी. उन्होंने कांग्रेस के केपी सिंह को सिर्फ 1,101 वोट के अंतर से हराया था.
रामदास सोरेन ने 2005 में घाटशिला से झामुमो का टिकट नहीं मिलने पर बतौर निर्दलीय ताल ठोक दिया था. 2009 में उन्होंने झामुमो की टिकट पर कांग्रेस के प्रदीप बलमुचू को महज 1,192 वोट से हराकर पहली जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सूर्य सिंह बेसरा तीसरे स्थान पर रहे थे. 2014 में मोदी लहर का असर पड़ा. इस चुनाव में रामदास सोरेन को भाजपा के लक्ष्मण टुडू ने हरा दिया था. 2019 में रामदास सोरेन ने भाजपा के लखन चंद्र मार्डी को हराकर दूसरी बार जीत दर्ज की.
झारखंड आंदोलनकारी रहे हैं रामदास सोरेन