बीजापुर:जिले के मद्देड़ गांव छत्तीसगढ़ तेलंगाना राज्य की सीमा पर बसा है. इसलिए यहां तेलंगाना की संस्कृति के अनुसार करीब 68 साल से रामनवमी का त्योहार मनाया जा रहा है. बुधवार को भी यहां में धूमधाम के साथ राम नवमी का पर्व मनाया गया. इस दौरान भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें हजारों की तादात में श्रद्धालु इकट्ठा हुए.
श्रीराम जी की निकाली गई शोभायात्रा: इस दौरान मद्देड़ गांव में मेले का भी आयोजन किया गया. मद्देड़ में 1956 से लगने वाले इस मेले पूरे गांव का माहौल भक्तिमय हो जाता है. भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में भक्त इकट्ठा हुए और विवाह के साक्षी बने. पांच दिन के चलने वाले इस कार्यक्रम में मंगलवार को मंडप का कार्यक्रम, बुधवार को श्रीराम और सीता के मूर्तियों का विवाह और भोज कार्यक्रम रखा गया. इसके बाद श्रीराम जी की शोभायात्रा निकाली गई. अब अगले सोमवार को वसंत सेवा और फिर मंगलवार को हनुमान जन्मोत्सव के साथ मेले का समापन होगा.
आभूषण चोरी का रस्म किया पूरा: यहां हर साल राम नवमी पर श्रीराम और सीता मांता के विवाह के बाद भगवान के आभूषणों की चोरी का रस्म होता है. यहां 5 दिनों तक लगें मेला में अष्टमी के दिन भगवान राम और माता सीता की सगाई का रस्म होता है. इसी कड़ी में रामनवमी के दिन विवाह पूरे विधि विधान से सम्पन्न होता है. जिसके दो दिन बाद भगवान के आभूषण चोरी का रस्म भी किया जाएगा. यह अनोखी रस्म पिछले 68 साल से याहं के भक्त करते आ रहे हैं.
आचार संंहिता के चलते सादगी से मनाया रामनवमी: सीताराम शिवालय समिति मद्देड़ के संरक्षण ने बताया, "यह मेला काफी साल पुराना है. हमारे गांव के बुजुर्गों ने 1956 में मेले की शुरुआत की थी. तब से यह मेला सजाया जा रहा है." ग्राम पटेल पी सुशील ने बताया, "अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इसके बाद यहां भक्तों में अलग सा उत्साह देखने को मिला है. भगवान के प्रति लोगों की भक्ति चरम पर है."