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अयोध्या से जनकपुर रवाना हुई राम बरात; 6 दिसंबर को रीति-रिवाज से होगा विवाह उत्सव

बरात में लगभग 300 बराती बड़े ही उत्साह पूर्वक नाचते गाते शामिल हुए. 20 वाहनों में सवार हैं बराती.

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बरात में लगभग 300 बराती बड़े ही उत्साह पूर्वक नाचते गाते शामिल हुए. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 26, 2024, 3:14 PM IST

Updated : Nov 26, 2024, 3:36 PM IST

अयोध्या: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार श्री राम विवाह का उल्लास पूरी दुनिया देखने को मिल रहा है. अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के लिए
श्रीराम बरात यात्रा निकाली गई. बरात रामसेवकपुरम से निकलकर मणिराम दास छावनी होकर रामपथ पर पहुंची, जहां से धर्म पथ के रास्ते जनकपुर से लिए रवाना हुई, जिसमें लगभग 300 बराती बड़े ही उत्साह पूर्वक नाचते गाते शामिल हुए.

बरात 3 दिसंबर को अपने निर्धारित स्थल जनकपुर मंदिर पहुंचेगी, जहां दो दिवसीय रस्मों को पूरा करते हुए 6 दिसंबर को बड़े धूमधाम से विवाह उत्सव संपन्न कराया जाएगा. करीब 20 वाहनों पर 300 के करीब संत एवं विहिप के पदाधिकारी बरात में शामिल हैं.

अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के लिए निकली राम बरात. (Video Credit; ETV Bharat)

कारसेवक पुरम से विहिप के केन्द्रीय मंत्री और विवाह महोत्सव के संयोजक राजेंद्र सिंह पंकज बरात का नेतृत्व कर रहे हैं. श्री राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने यात्रा को रवाना किया. विवाहोपरांत बरात 09 दिसंबर को वापस अयोध्या आयेगी.

भारत और नेपाल की मित्रता के रूप में जानी जाने वाली राम बरात लेकर दशरथ नंदन, जनक नंदनी को ब्याहने अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के लिए आज प्रस्थान कर गए. जिसमें दशरथ की भूमिका चंपत राय, कुलगुरु वशिष्ठ की भूमिका महामंडलेश्वर महंत संतोष दास और विश्वामित्र की भूमिका डॉ. रामेश्वर दास कर रहे हैं. बरात विभिन्न स्थलों से होते हुए 3 दिसंबर को जनक पुर पहुंचेगी. जहां नेपाल शासन-प्रशासन के उच्च पदाधिकारी बरात का स्वागत करेंगे.

फिर 6 दिसंबर को धार्मिक वातावरण में धूमधाम से श्री राम सहित चारों भइयों का विवाह संपन्न होगा, इसके बाद 9 दिसंबर को राम बरात अयोध्या वापस आएगी. इस बीच मार्ग में पड़ने वाले रामायण काल से संबंधित स्थलों पर बरात ठहराव के साथ विवाह से संबंधित विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों को संपन्न किया जाएगा.

विहिप के केन्द्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह पंकज ने बताया कि पुरातन स्मृति को जागृत करने, भारत नेपाल सम्बन्ध को मजबूत करने और लोक कल्याण की कामना के साथ यह बरात आज जनकपुर जा रही है. राम बरात नेपाल के जनकपुर रवाना करते हुए साधू-संतों में काफी उत्साह देखने को मिला. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद की यह राम बरात है. संतों ने कहा बरात के माध्यम से समूचे विश्व को राम के आदर्शों से अवगत कराया जाएगा.

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Last Updated : Nov 26, 2024, 3:36 PM IST

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