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राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया ने उच्च सदन में उठाया उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच का मामला - Chunnilal Garasiya raised the issue - CHUNNILAL GARASIYA RAISED THE ISSUE

राज्यसभा में बुधवार को राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया ने उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच स्थापना का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता पिछले 37 वर्षों से हाईकोर्ट बेंच की मांग कर रही है. साथ ही उन्होंने क्षेत्र में पासपोर्ट कार्यालय को अपग्रेड करने का भी मुद्दा उठाया.

Chunnilal Garasiya raised the issue
राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया (Rajya Sabha)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 1, 2024, 8:47 AM IST

उदयपुर. राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया ने उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच स्थापना का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा में उठाया है. सांसद गरासिया ने कहा कि उदयपुर संभाग की जनजाति बाहुल्य क्षेत्र और टीएसपी क्षेत्र घोषित होने के बावजूद क्षेत्र की जनता को न्याय के लिए जोधपुर तक जाना पड़ता है. उन्होंने सभापति को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार के विधि मंत्री संज्ञान में यह बात लाए कि संभाग मुख्यालय पर कई वर्षों से राजस्थान हाई कोर्ट की बेंच स्थापित करने की मांग चल रही है.

पिछले कई वर्षों से हो रही मांग :उन्होंने कहा कि इस मांग को संभाग की आम जनता व बार काउंसिल द्वारा लगातार 37 वर्षों से की जा रही है. वर्तमान में संभाग के लोगों को न्याय के लिए जोधपुर हाईकोर्ट जाना पड़ता है, जो की दूर होने के साथ खर्चीला और समय लगने वाला होता है. उन्होंने विधि मंत्री से बदलते डिजिटल युग में उदयपुर संभाग में वर्चुअल हाई कोर्ट बेंच की स्थापना तत्काल किए जाने की भी मांग रखी, जिससे उदयपुर की जनता को अति शीघ्र लाभ मिल सके. न्याय और हक के लिए समय और खर्च बचाया जा सके.

पासपोर्ट कार्यालय का भी उठाया मुद्दा : राज्यसभा सांसद गरासिया ने उदयपुर क्षेत्र में पासपोर्ट सेवा केंद्र को क्षेत्रीय पासपोर्ट केंद्र में परिवर्तन किए जाने को लेकर राज्यसभा सभापति के समक्ष प्रस्ताव रखा. गरासिया ने कहा कि उदयपुर संभाग जनजाति बहुल है और केंद्र की ओर से टीएसपी क्षेत्र घोषित कर रखा है. यहां के रहवासियों को पासपोर्ट की सुविधा के लिए 2017 में पासपोर्ट सेवा केंद्र तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा प्रारंभ किया गया. उन्होंने उस समय भरोसा दिलाया था कि 5 वर्ष बाद इस पासपोर्ट सेवा केंद्र को क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के रूप में अपग्रेड कर दिया जाएगा, परंतु 7 वर्ष बीतने के पश्चात भी यह अपग्रेड नहीं हो पाया. वर्तमान में प्रतिदिन 300 से 350 आवेदन इस पासपोर्ट कार्यालय पर प्राप्त होते हैं. इस हिसाब से प्रति वर्ष 50 से 60 हजार आवेदन इस कार्यालय को प्राप्त होते हैं.

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उन्होंने सभापति से आग्रह करते हुए कहा कि उनके माध्यम से भारत सरकार से मांग करते हैं कि उदयपुर के पासपोर्ट सेवा केंद्र को क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में परिवर्तन करने का श्रम कराएं, जिससे इस उदयपुर के जनजाति बहुल क्षेत्र जिसमें डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़, भीलवाड़ा, राजसमंद, पाली आदि क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिल सके.

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