राजगढ़।राजगढ़ जिले के सारंगपुर क्षेत्र का राधापुर गांव भीषण पेयजल संकट से जूझ रहा है. लगभग 9 वर्ष पहले इस गांव को शहरी क्षेत्र से नजदीक होने के कारण ग्राम पंचायत से हटाकर नगरपालिका में शामिल किया गया. लेकिन अफसोस कि गांव में सिर्फ ग्राम पंचायत की जगह नगरपालिका का नाम ही बदला है, हालात जस के तस हैं. गांव के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर सुर्खिया बटोर रहे हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि इस गांव में ग्रामीणों ने कुएं में पानी की सैकड़ों मोटर उतार रखी हैं.
सारंगपुर के राधानगर के कुएं के वीडियो वायरल
कुएं में सैकड़ों मोटर बांस-बल्लियों के सहारे घरों तक पानी पहुंचा रही हैं. लगभग 700 से ज्यादा आबादी वाले सारंगपुर के राधा नगर इलाके का दृश्य देखकर नल जल योजना के दावों की हवा निकल रही है. सरकार की नल जल योजना का फायदा ग्रामीणों को अभी तक नहीं मिल सका. यह गांव सारंगपुर नगर के वार्ड क्रमांक 18 में कई सालो से शामिल है. पहले ये हिस्सा स्वतंत्र गांव के रूप में आबाद था, जबकि साल 2015 में इस गांव को सारंगपुर नगर पालिका में सम्मिलित किया गया. 2015 के पहले ये ग्रामीण क्षेत्र होने से यहां के हर घर में जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजना उपलब्ध करवाई जानी थी. लेकिन नगरीय सीमा में शामिल होने के बाद मिशन ने इस गांव को कार्ययोजना से ही अलग कर दिया.
जान जोखिम में डालकर पानी का इंतजाम करते हैं
ये जिम्मेदारी सारगंपुर नगरपालिका थी कि इस गांव में सुलभ पेयजल मुहैया कराए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. ऐसे में ग्रामीणों को ही अपनी स्वयं की नल जल योजना बनानी पड़ी. ग्रामीणों ने गांव के ही सार्वजनिक कुएं में बड़ी संख्या में मोटर पंप लगा रखे हैं. बांस-बल्लियों के सहारे अपने घरों तक पानी के पाइप भी बिछाए गए हैं. कई वर्षों से अपनी जान को जोखिम में डालकर ग्रामीण पानी की जरूरतों की पूर्ति कर रहे हैं. ऐसे में गांव में बिछा पाइप व तारों का यह जाल कौन सा पाइप किसका है, ये बता पाना भी मुश्किल हैे.