राजगढ़/नर्मदापुरम:मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश कई जिलों में मुसीबत का सबब बन रही है, तो कहीं यह लाभदायक भी है. ऐसे में नदी व नालों के साथ साथ जल को सुरक्षित रखने के लिए बनाए गए डैम भी लबालब हैं. जलस्तर का संतुलन बनाए रखने के लिए और सुरक्षा की दृष्टि से डैम के गेट खोलकर पानी की निकासी भी की जा रही है. उसी क्रम में गुरुवार को राजगढ़ जिले की दो सबसे बड़ी सिंचित परियोजनाओं में से एक मोहनपुरा डैम के बढ़ते हुए जल स्तर को देखते हुए 2 गेट 1 मीटर व 6 गेट 0.5 मीटर खोलकर कुल 712.815 क्यूमेक पानी की नेवज नदी में निकासी गई. जिसे देखने के लिए राजगढ़ शहर की आवाम मोहनपुरा डैम पर पहुंची और उसके सुंदर दृश्य को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद कर लिया.
पानी से लबालब राजगढ़ जिला
मौके पर मौजूद राजगढ़ के साइबर ला एक्सपर्ट शकील अंजुम बताते हैं कि, ''ऐसा क्षण देखने के लिए हर कोई तरसता है. खासतौर से यदि हम राजगढ़ जिले की बात करें तो हमने लगभग 15 वर्ष पूर्व वो समय भी देखा है जब हम लोगों ने केवल डैम के नाम ही सुन रखे थे. डैम देखने के लिए जिले से बाहर पलायन होता था. साथ में खेती का कम स्त्रोत होने के कारण रोजगार के लिए भी पलायन करना पड़ता था. राजगढ़ में बंजर जमीन होने के कारण फसल की पैदावार भी सीमित थी. लेकिन अब धीरे धीरे दौर बदल रहा है. जिले में लगभग 4 बड़े डैम बनकर तैयार हैं और पर्याप्त पानी की सुविधा भी है. तो बंजर जमीन पर भी खेती होने लगी है. डैम के पास की भूमि पथरीली है लेकिन यहां होने वाली फलों की खेती वाकई देखने लायक है.''
मोहनपुरा डैम के पास सैलानियों का जमावड़ा
गौरतलब है कि, बारिश के दिनों में राजगढ़ से मोहनपुरा डैम तक जाने वाले रास्ते पर जिले के आसपास के क्षेत्र से डैम पर पहुंचने वाले सैलानियों का जमावड़ा भी लगा रहता है. ऐसे में आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में मक्का के भुट्टे, ककड़ी आदि की खेती करने वाले ग्रामीण भी अपना सामान लेकर रास्ते में बैठते हैं और व्यापार भी करते हैं. उनका मानना होता है कि यह उनके लिए हर दुकानदार की तरह सीजन का समय है और वे इसे गवाना नहीं चाहते.
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