राजगढ़।महाअष्टमी पर मंगलवार को मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ लोकसभा सीट से अपना पर्चा भरा. इससे पहले दिग्विजय सिंह ने अपनी पत्नी अमृता सिंह के साथ मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की. इसके बाद नामांकन भरने के लिए दिग्विजय सिंह कुछ ही लोगों के साथ राजगढ़ कलेक्ट्रेट पहुंचे. नामांकन भरते समय दिग्विजय सिंह के साथ केवल 5 लोग साथ में रहे. इस दौरान दिग्विजय सिंह के अलावा उनकी पत्नी अमृता सिंह, एक किसान, एक मजदूर और एक वकील साथ रहे. नामांकन भरते जाते समय भी प्रदेश का कोई बड़ा नेता उनके साथ नहीं दिखा.
दिग्विजय सिंह की सादगी चर्चा का विषय, न कोई रैली और न जुलूस
दिग्विजय सिंह ने अपना नामांकन पत्र बड़ी सादगी वाले अंदाज में भरा. बता दें कि बीजेपी का प्रत्याशी हो कांग्रेस का. नामांकन भरने से ठीक पहले व बाद में रैली निकालकर, सभाएं कर अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं दिग्विजय सिंह ने ऐसा कुछ भी नहीं किया. नामांकन पत्र भरने के जाते समय दिग्विजय सिंह के साथ न नेताओं की भीड़ थी और न कार्यकर्ताओं की फौज. हालांकि दिग्विजय सिंह ने दो दिन पहले ही अपने कार्यकर्ताओं को सलाह दी थी कि नामांकन के समय आने की जरूरत नहीं. आप लोग चुनाव की तैयारी में लगे रहें. बता दें कि राजगढ़ लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में मतदान होना है.
सीएम के विवादास्पद बयान को संज्ञान में लिया
नामांकन पत्र भरने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा "उन्हें अपने क्षेत्र के मतदाताओं पर पूरा भरोसा है". जब पत्रकारों ने पूछा कि एक दिन पहले हुई बीजेपी की सभा में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आपको रामद्रोही कहा है तो दिग्विजय सिंह ने कहा "इसकी वीडियो क्लिप उपलब्ध कराएं. इसकी हम चुनाव आयोग में शिकायत करेंगे." इसके बाद एक पत्रकार ने फिर सवाल किया कि बीजेपी के वीडी शर्मा ने कहा है कि दिग्विजय सिंह आतंकियों को गले लगाते हैं, इस सवाल पर भी उन्होंने कहा "आप मुझे क्लिप दिला दें मैं एफआईआर कराऊंगा."