जयपुर: राजस्थान में सियासी उठापटक के समय चर्चा में आया फोन टैपिंग का मामला फिर अचानक सुर्खियों में आ गया है. इस मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, कुछ देर बाद ही उन्हें जमानत मिल गई और उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. ऐसे में अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकेश शर्मा इस केस में सरकारी गवाह बन सकते हैं.
यह पूरा मामला प्रदेश में सियासी से जुड़ा हुआ है. उस समय कुछ कॉल रिकॉर्डिंग वायरल हुई थी, जिन्हें लेकर तब के जलशक्ति मंत्री रहे गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली क्राइम ब्रांच में मुकदमा दर्ज करवाया था. इस मुकदमे में लोकेश शर्मा का नाम था. लोकेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में इस प्राथमिकी को निरस्त करवाने की याचिका दायर की थी, जिसके चलते लंबे समय तक दिल्ली हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिली हुई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई हुई थी.
14 नवंबर को वापस ली थी याचिका : लोकेश शर्मा ने 14 नवंबर को दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका वापस ले ली थी. ऐसे में उनकी गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट के आदेश पर लगी रोक भी हट गई थी. ऐसे में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच उन्हें गिरफ्तार करने के लिए स्वतंत्र है. अब सोमवार को अचानक उन्हें गिरफ्तार किया गया और कुछ ही समय बाद उन्हें जमानत मिल गई. जमानत मिलने की लोकेश शर्मा ने खुद पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई है.