जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने कार्यस्थल और सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं के लिए टॉयलेट की कमी और मौजूदा टॉयलेट के खराब हालतों पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में केन्द्र सरकार, मुख्य सचिव, प्रमुख नगरीय विकास सचिव और स्वायत्त शासन निदेशक को नोटिस जारी कर विभिन्न बिंदुओं पर जवाब तलब किया है. जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश इस संबंध में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए दिए.
अदालत ने इन अधिकारियों से इस संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी भी पेश करने को कहा है. अदालत ने अधिवक्ता सुप्रिया सक्सेना सहित अन्य को मामले में अदालत का सहयोग करने को कहा है. अदालत ने इन अधिकारियों को बताने को कहा है कि क्यों ना सभी नगर निगम और बोर्ड आदि सार्वजनिक क्षेत्र, गलियों और स्कूल आदि में टॉयलेट निर्माण के लिए समग्र स्कीम बनाए. इसके अलावा मामले में क्यों ना संबंधित स्थानीय निकाय के आयुक्त या अतिरिक्त आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाए. इसके साथ ही अदालत ने इन अधिकारियों को 31 बिंदुओं पर जवाब देने के लिए कहा है.