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हाईकोर्ट ने कहा- आदेश की पालना करो वरना आयुर्वेद सचिव पेश होकर दें जवाब - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए आयुर्वेद सचिव को पेश होने के निर्देश दिए हैं.

CONTEMPT PETITION,  AYURVEDA DOCTORS
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 3, 2025, 9:04 PM IST

जयपुरःराजस्थान हाईकोर्ट ने आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति से जुडे़ मामले में अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने 18 फरवरी को आयुर्वेद सचिव को पेश होकर बताने को कहा है कि अदालती आदेश के बावजूद याचिकाकर्ता आयुर्वेद चिकित्सक को 62 साल की उम्र तक सेवा में क्यों नहीं रखा गया ?. अदालत ने स्पष्ट किया है कि यदि आदेश की पालना हो जाती है तो सचिव को पेश होने की जरूरत नहीं है. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश विजेन्द्र सिंह गुर्जर की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अवमानना याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने एलोपैथी चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 62 साल की थी. इस पर आयुर्वेद चिकित्सकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उनकी सेवानिवृत्ति आयु भी बढ़ाने की गुहार की. इस पर हाईकोर्ट ने जुलाई, 2022 को राज्य सरकार को निर्देश दिए कि जो चिकित्सक 62 साल की उम्र पार कर चुके हैं, उन्हें इस अवधि का वेतन दिया जाए और जो शेष को 62 साल तक सेवा में रखा जाए.

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वहीं, इस आदेश के खिलाफ पेश एसएलपी भी सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी, 2024 को खारिज कर दी. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को 60 साल की उम्र पूरी होने पर 30 जून, 2023 रिटायर कर दिया. इसके खिलाफ दायर याचिका को अदालत ने गत 18 अक्टूबर को स्वीकार करते हुए उसे सेवा में लेने को कहा, लेकिन उसे अभी तक सेवा में नहीं लिया गया. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने आदेश की पालना नहीं करने पर आयुर्वेद सचिव को पेश होने के आदेश दिए हैं.

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