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खुदकुशी रोकने के लिए क्या हम नहीं लगा सकते कोचिंग सेंटर पर रोक ? : टीकाराम जूली - Rajasthan Vidhansabha

Rajasthan Budget Session, राजस्थान विधानसभा में बजट पर मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का अभिभाषण हुआ. उन्होंने कहा कि बजट में अमीर और उद्योग सरकार की प्राथमिकता है. जबकि गरीब और गुड गवर्नेंस को आखिरी पायदान पर रखा गया है. उन्होंने तमिलनाडु की तर्ज पर राजस्थान में भी कोचिंग संस्थाओं पर रोक का मुद्दा उठाया.

Tika Ram Jully
टीकाराम जूली (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 16, 2024, 8:04 PM IST

टीकाराम जूली, नेता प्रतिपक्ष (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भजनलाल सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को सदन में यह जानकारी देनी चाहिए कि बजट घोषणाओं के लिए क्या-क्या बजट प्रावधान किए गए हैं. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाओं को बंद करने के मुद्दे पर प्रदेश की सरकार को घेरा. जबकि अंबानी परिवार की शादी, अयोध्या और राम मंदिर के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री पर भी सवाल खड़े किए.

टीकाराम जूली ने अपने अभिभाषण की शुरुआत जय संविधान के नारे के साथ की. इसके जवाब में सत्ता पक्ष के विधायकों ने जय श्री राम के नारे लगाए. इस पर टीकाराम जूली ने तंज कसते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के कुछ विधायक अपने नंबर बढ़ाने के लिए टोकाटोकी करते हैं. इसलिए मुख्यमंत्री को दो-चार और मंत्री बनाने पड़ेंगे. जूली ने कहा कि वित्त मंत्री दीया कुमारी ने 125 पेज का बजट भाषण 2 घंटे 55 मिनट में पढ़ा, जो उबाऊ और नीरस था. गरीब, किसान, मजदूर, महिला और युवा बजट की आत्मा होती है, लेकिन आपके बजट में अमीर और उद्योग प्राथमिकता में हैं. जबकि गरीब और गुड गवर्नेंस को आखिरी पायदान में जगह मिली है.

पीएम के टेंपो वाले बयान पर निशाना : टीकाराम जूली ने कहा, हमारी सोच महात्मा गांधी के सिद्धांत पर चलकर गरीब का भला सोचने वाली है. जबकि आपकी सोच अमीरों का भला करने वाली है. वे (प्रधानमंत्री) कहते हैं टेंपो में भरकर अंबानी-अडानी का धन कांग्रेस के पास जा रहा है. प्रधानमंत्री अपने परिवार की शादी में नहीं जाते, किसी गरीब की शादी में नहीं जाते. लेकिन जिस पर आरोप लगाते हैं. उसके बेटे की शादी में जाते हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

माही बांध से ईआरसीपी तक का जिक्र : टीकाराम जूली ने कहा कि हमारी सरकार ने माही बांध बनाने कि की कल्पना साकार की थी. जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री का गांव और घर भी प्रभावित हुआ. हमारी ही सरकार ने इंदिरा गांधी नहर लाकर प्रदेश को नया जीवन दिया. आप ईआरसीपी की बात करते हैं. यह भाजपा की योजना है. पीएम दो बार घोषणा करते हैं कि वे पूरा करवाएंगे. प्रोजेक्ट हमने शुरू किया. 9500 करोड़ की निविदा हमने निकाली. दो बांध बन चुके हैं. झूठी वाहवाही लेने के लिए सीएम गुलदस्ते ले रहे हैं. लेकिन छह महीने में एमओयू सदन में नहीं आया. उन्होंने कहा कि ईसरदा बांध तो वित्त मंत्री के पुरखों ने बनाया है. जिसका आज दम घोंटा जा रहा है.

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हम एसी में चर्चा कर रहे, गरीब को बिजली नहीं : जूली बोले, पानी-बिजली के अभाव में इंडस्ट्री जा रही है. सरकार चाहे तो सौर ऊर्जा पर काम कर सकती है. हम एसी में बैठकर गरीब की चर्चा कर रहे हैं. गरीब को कितनी बिजली मिल रही है. आप गर्मी में बिजली नहीं दे पाए. बीमार, गर्भवती और बुजुर्ग किस परेशानी में हैं. लेकिन हम एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहते हैं. एक-दूसरे को कोसते हैं. हम ठोस निर्णय कब लेंगे. आप किसान गरीब और उद्योगों को बिजली नहीं दे पाए. सरकार कौन चला रहा है. उन्होंने कहा यह डबल इंजन की ट्रेन नहीं बल्कि इस ट्रेन में डब्बे नहीं इंजन ही इंजन है.

मंत्रियों को लेकर साधा निशाना : टीकाराम जूली बोले, सीएम जोधपुर गए और मंत्री जोगाराम से नहीं मिले तो मंत्री ने कहा कि सीएम रुपए का थैला देने वालों से मिलते हैं. मंत्री कहते हैं हमारी चलती नहीं है. कोई मंत्री इस्तीफा दे देता है. उन्होंने सीएम को संबोधित कर कहा कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया बता दीजिए. जूली ने कहा कि एक मंत्री ने इस्तीफा दे दिया और एक मंत्री को जनता ने नकार दिया. एक मंत्री की आपने गाड़ी छीन ली. वे जाकर अवैध खनन के आरोप में ट्रैक्टर पकड़ते हैं और डीएफओ अगले दिन ट्रैक्टर छोड़ देते हैं.

पेपर लीक में हम छोटी मछलियों को पकड़ रहे हैं : उन्होंने कहा कि पेपर लीक की बहुत बात हो रही है. देशभर में पेपर लीक हो रहे हैं. सबसे मजबूत कानून हमने बनाया है. हमारी सरकार ने भी आरोपियों को पकड़ा था. अब आप भी पकड़ रहे हैं. हम मछलियों को पकड़ रहे हैं. मगरमच्छ खुले घूम रहे हैं. हमें मिलकर ठोस उपाय के बारे में सोचना चाहिए.

व्यवसाय बन गया कोचिंग, क्या हम रोक नहीं सकते : उन्होंने कहा कि कोटा में आत्महत्या करने वाले हमारे ही बच्चे हैं. गरीब पेट काटकर अपने बच्चों को पढ़ने भेजता है. हर दिन कोटा से खुदकुशी की खबर आती है. हम किस दिशा में जा रहे हैं. कोचिंग व्यवसाय बन गया है. जो बच्चों-अभिभावकों को निचोड़ना चाहते हैं. तमिलनाडु ने इसे बंद करने का फैसला लिया है. क्या हम नहीं कर सकते. कुछ लोग नहीं चाहते क्योंकि वे मिले हुए हैं. हमारी सरकार ने तो बच्चों को विदेश में पढ़ने तक की व्यवस्था की थी.

कुल 8 लाख पद, आप चार लाख नौकरी कैसे देंगे : टीकाराम जूली ने पूछा क्या जमीन की कीमतें बढ़ाने के लिए तो एक्सप्रेस हाइवे बनाने की घोषणा नहीं की गई. क्या सरकार के पास इतना पैसा है. आप 70 हजार नौकरियों की बात कर रहे हैं. अभी तक जो नौकरी दी. वो हमारे समय की हैं. आपने पांच साल में चार लाख नौकरियां देने की बात कर रहे हैं. क्या इतने पद खाली हैं. प्रदेश में सरकारी नौकरियों के कुल आठ लाख पद हैं. आप चार लाख नौकरियां कैसे देंगे.

हमने आपको देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था सौंपी : टीकाराम जूली बोले, बजट का पहला पन्ना ही नकारात्मकता से भरा हुआ है. ये कहते हैं कि विरासत में कर्जा मिला. हमारी नीतियां गलत थी तो टीम को क्यों रखा. जो अधिकारी हमारे समय थे. वही आपका बजट बना रहे हैं. हमने आपको देश में दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था सौंपी थी. हमने 84 प्रतिशत बढ़ोतरी की थी. जीएसडीपी में 73 फीसदी की बढ़ोतरी थी. आर्थिक विकास की दर देश में दूसरे नंबर पर थी. प्रति व्यक्ति आय हमारे समय में 1,67,924 रुपए थी. कोरोना प्रबंधन के लिए पीएम ने भी हमारी सरकार की प्रशंसा की थी. जबकि आपका बजट अब तक का सबसे ज्यादा घाटे वाला बजट है.

भाजपा सरकार ने हर विभाग का बजट कम किया : ग्रामीण विकास और कृषि बजट में कमी पर टीकाराम जूली ने सरकार को घेरते हुए कहा कि आपने बजट कम कर गांव-किसान का नुकसान किया है. सिंचाई में भी बजट कम किया. आर्थिक सेवाओं पर भी बजट कम किया. आपने हर जगह कमी की. हमने हर विधानसभा क्षेत्र में 10 करोड़ की सड़कें दी. आपने घटाकर 5 करोड़ कर दिए. सरकार के मंत्रियों का व्यवहार विपक्ष के विधायकों जैसा है. उन्होंने सीएम से मांग की कि सड़कों के लिए बजट बढ़वाया जाए. साथ ही तंज कसते हुए कहा कि पता नहीं आपकी बात वित्त मंत्री मानेंगी कि नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि पंचायती राज का अनुदान कम कर पंचायतों को कमजोर करने की कोशिश की गई है.

ओपीएस जारी रखेंगे या नहीं, जवाब दीजिए : टीकाराम जूली ने कहा कि हमारी सरकार का मिशन सबकी भागीदारी थी. आपने ओपीएस का जिक्र नहीं किया. आप ओपीएस को जारी रखना चाहते हैं या नहीं रखना चाहते. जवाब दे दीजिए. क्योंकि इसकी पर्ची नहीं आएगी. ऊपर वाले इसके खिलाफ हैं. भारत सरकार नहीं चाहती ओपीएस लागू हो. जबकि अधिकारी चाहते हैं ओपीएस लागू हो.

किसानों की जमीन नीलामी का मुद्दा उठाया : टीकाराम जूली ने कहा आप हनुमानगढ़ में किसानों की जमीन नीलाम करना चाहते हो. हमने किसानों का कर्जा माफ किया और इस पर 15 हजार करोड़ खर्च किया. आपने किसान की आमदनी दोगुनी कर दी क्या. हमारी सरकार में किसान ऋण राहत आयोग बना. आपने क्या किया. मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा था कि कांग्रेस सरकार की योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा. लेकिन चिरंजीवी योजना, राशन किट योजना, छात्रवृत्ति योजना बंद कर दी. सामाजिक सुरक्षा पेंशन में बढ़ोतरी का कानून हम लाए. आपने क्रेडिट लेने के लिए छह महीने पेंशन ही रोक दी.

भगवान राम ने दर्शन दे दिए, आप फिर भी नहीं समझे : टीकाराम जूली ने कहा, भगवान राम ने आपको दर्शन दे दिए. अब भी आप नहीं समझ रहे हो. राम मंदिर और नई संसद के उद्घाटन में राष्ट्रपति को नहीं ले जाया गया. पीएम ने अयोध्या के स्टेशन का उद्घाटन किया और दीवार गिर गई. सड़क का उद्घाटन किया और सड़क धंस गई. शंकराचार्यों ने अधूरे मंदिर का उद्घाटन करने से मना किया. फिर भी राम मंदिर का उद्घाटन हुआ. आज मंदिर की छत टपक रही है. आप अयोध्या, चित्रकूट, सीतापुर, रामेश्वरम और बद्रीनाथ में हारे. अब केदारनाथ में भी हारेंगे. प्रयागराज भी हार गए. ब्रह्मा, विष्णु और महेश. सभी ने आपको खारिज कर दिया है.

अब भी संविधान संशोधन की दरकार है क्या ? : टीकाराम जूली ने कहा कि इन्होंने छल, बल से लोकतंत्र और संविधान को कमजोर किया है. ये 400 पार सीट की बात करते थे. वित्त मंत्री कह रही थी कि संविधान में संशोधन की जरूरत है. क्या अब भी संविधान में संशोधन की दरकार है. उन्होंने कहा ये आरक्षण खत्म करना चाहते हैं संविधान को खत्म करना चाहते हैं. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा किया तो स्पीकर प्रो. वासुदेव देवनानी ने शांत करवाया.

जिस पर 14 केस, वह जेल भेजने की बात कर रहे : टीकाराम जूली ने कहा कि गुजरात के ठेकेदार आ रहे हैं तो राजस्थान की जनता क्या करेगी. जैसे दूसरे राज्यों में हो रहा है. यहां भी विकास कार्य गिरेंगे. गुजरात के ठेकेदारों पर रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा, हम नहीं चाहते कि सदन में गतिरोध हो. लेकिन शिक्षा मंत्री समाज विशेष पर आपत्तिजनक बयान देते हैं और स्वीकार करने के बावजूद माफी नहीं मांगते. वह शिक्षा पर बयान देने की बजाए अनर्गल बयान देते हैं. जिस पर 14 मुकदमें हैं. वह दूसरों को जेल में डालने की बात करते हैं. सदन का गतिरोध टूटना चाहिए. कोई दो बच्चों की बात कर रहा है तो कोई समुदाय को टारगेट करता है.

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