अलवर : कांग्रेस विधायक जुबेर खां के दिवंगत होने से खाली हुई रामगढ़ विधानसभा सीट पर भले ही अभी उपचुनाव की तारीखों का ऐलान न हुआ हो, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस ने अंदरखाने तैयारी शुरू कर दी है. कांग्रेस ने रामगढ़ उपचुनाव के लिए कमेटी का गठन कर दिया है. वहीं, भाजपा अभी सदस्यता अभियान के जरिए संगठन को मजबूत करने में जुटी है. हालांकि, अभी तीसरे मोर्चे के दलों की सुगबुगाहट भी सुनाई नहीं पड़ सकी है, लेकिन कांग्रेस और भाजपा से टिकट नहीं मिल पाने की स्थिति में ये दल भी किसी मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतार सकते हैं.
रामगढ़ विधानसभा सीट पर कई दशकों से कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला रहा है और जीत-हार भी इन्हीं दलों के प्रत्याशियों के गले पड़ता रहा है. इस बार भी रामगढ़ उपचुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही रहने की संभावना है. हालांकि, गत विधानसभा चुनाव में यहां मुख्य मुकाबले में कांग्रेस के जुबेर खां और आजाद समाज पार्टी के सुखवंत सिंह के बीच रहा था. यहां भाजपा तीसरे पायदान पर रही थी.
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कांग्रेस लगा सकती है जुबेर परिवार पर दांव :रामगढ़ उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने वैसे तो कमेटी का गठन किया है, लेकिन ज्यादा संभावना है कि पार्टी दिवंगत नेता जुबेर खां के परिवार में से किसी सदस्य पर दांव लगाएगी. इनमें पूर्व विधायक और जुबेर खां की पत्नी साफिया खां को चुनाव मैदान में उतारे जाने की ज्यादा संभावना है. वहीं, उनके पुत्रों पर भी कांग्रेस दांव लगा सकती है. इसका कारण है कि कांग्रेस उपचुनाव में दिवंगत जुबेर खां के परिवार में से किसी सदस्य को टिकट देकर सहानुभूति के लहर का लाभ उठाना चाहेगी. कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा पिछले दिनों खुद भी कह चुके हैं कि रामगढ़ उपचुनाव में पहला हक जुबेर खां के परिवार है.
भाजपा में फिर हो सकती है खींचतान :रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की ओर से टिकट के कई दावेदारों के नाम उभर कर सामने आ रहे हैं. इनमें पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा और बनवारीलाल सिंघल, गत विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे जय आहूजा और भाजपा के बागी होकर चुनाव लड़े सुखवंत सिंह के नाम की चर्चा है. हालांकि, इनके अलावा भी कुछ दावेदार टिकट के प्रयास में जुटे हैं.