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राजाजी इलेक्ट्रिकल व्हीकल हादसा, वनकर्मियों को नहीं मिला शहीद का दर्जा, 9 महीनों से जांच जारी - National Forest Martyrs Day

National Forest Martyrs Day, Rajaji Electric Vehicle Accident, Uttarakhand Forest Department उत्तराखंड वन विभाग में आज राष्ट्रीय वन शहीद दिवस मनाया गया. इस दौरान विभाग के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान शहीद नामावाली पट्टिका से राजाजी टाइगर रिजर्व इलेक्ट्रिक व्हीकल हादसे में मारे गये वन कर्मियों के नाम नदारद दिखे.

UTTARAKHAND FOREST DEPARTMENT
वनकर्मियों को नहीं मिला शहीद का दर्जा (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 11, 2024, 3:07 PM IST

Updated : Sep 11, 2024, 5:37 PM IST

देहरादून: राजाजी टाइगर रिजर्व में इलेक्ट्रिक व्हीकल के ट्रायल के दौरान मारे गए वन कर्मियों को वन विभाग शहीद नहीं मानता, इस हादसे में चार वन कर्मी मारे गए थे, हैरानी की बात यह है कि वन मुख्यालय के पास प्रदेश में अब तक शहीद हुए वनकर्मियों का पूरा रिकॉर्ड भी नहीं है. राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.

वन विभाग के पास शहीदों की रिपोर्ट नहीं (ETV BHARAT)

शहीद नामावाली पट्टिका से नाम नदारद:राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर आज वन विभाग के अधिकारियों ने शहीदों को शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि दी. इस दौरान महकमें के गिने-चुने अधिकारी और कर्मचारी यहां मौजूद रहे. खास बात यह थी कि शहीदों के नामावाली पट्टिका पर राजाजी टाइगर रिजर्व में इलेक्ट्रिकल व्हीकल के ट्रायल के दौरान मारे गए वनकर्मियों का नाम दर्ज नहीं था.

शहीद नामावाली पट्टिका से नाम नदारद (ETV BHARAT)

9 महीनों से चल रहा जांच, नहीं मिला शहीद का दर्जा:दरअसल, टाइगर रिजर्व में हुए इस हादसे के कारण मारे गए वनकर्मियों को विभाग शहीद नहीं मानता.ऐसा उस जांच के कारण हुआ है जो पिछले करीब 9 महीनों से चल रही है. एक तरफ हादसे में मारे गए वन कर्मियों को लेकर हर कोई गमगीन था तो सरकारी सिस्टम की धीमी गति के कारण मारे गए लोगों के परिजनों को अबतक शहीद का दर्जा मिलने का इंतजार है. उत्तराखंड वन विभाग में प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन बताते हैं कि टाइगर रिजर्व में हुए हादसे की जांच के कारण अभी तक इन वन कर्मियों को शहीद का दर्जा नहीं मिला है, लेकिन मारे गए सभी वनकर्मी विभाग के हर शख्स के दिल में जगह बनाये हुए हैं.

राष्ट्रीय वन शहीद दिवस (ETV BHARAT)

इलेक्ट्रिक व्हीकल हादसे इन वनकर्मियों का हुआ निधन:राजाजी टाइगर रिजर्व में इलेक्ट्रिकल व्हीकल के ट्रायल के दौरान वार्डन अलोकी, रेंजर शैलेश घिल्डियाल, डिप्टी रेंजर प्रमोद ध्यानी, वन कर्मी शेफ अली ने अपनी जान गंवाई थी. जनवरी में हुए इस हादसे के बाद अब तक इस पर जांच को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. शायद यही वजह है कि इन कर्मियों को अब तक शहीद का दर्जा नहीं मिल पाया है. राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर एक बार फिर यह बात हर किसी के जुबान पर सुनाई देने लगी है.

चीला रेंजर्स हादसा (ETV BHARAT)

वन विभाग के पास शहीदों की सूचना नहीं:हैरानी की बात यह है कि उत्तराखंड वन विभाग के मुख्यालय में राज्य के अब तक शहीद हुए सभी वन कर्मियों की सूचना ही नहीं है. ईटीवी भारत को लिखित रूप से दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश में वन मुख्यालय से लेकर सीसीएफ गढ़वाल और सीसीएफ कुमाऊं तक के पास इसकी पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है. इस मामले पर भी वन विभाग के कर्मचारी संगठन अपनी बात उठाते रहे हैं. वन विभाग में शहीदों की सूचना ही उपलब्ध नहीं होने पर अपना रोष भी जाता रहे हैं. वन शहीद स्थल पर 42 वनकर्मियों के नाम लिखे गए हैं. वन मुख्यालय का सूचनाओं संकलित न होने की स्थिति जताना वन विभाग के कर्मचारियों को भी हैरान कर रहा है. इस मामले पर भी प्रमुख वन संरक्षक हॉफ ने अधिकारियों से इस पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहने की बात कही है.

उत्तराखंड वन विभाग (ETV BHARAT)

शहीद दिवस पर केवल औपचारिता: उधर दूसरी तरफ रेंजर संगठन अध्यक्ष विनोद चौहान कहते हैं विभाग के पास शहीदों की जानकारी नहीं है. बड़ी बात यह है की जांच के कारण विभाग के कई मृतक कर्मचारियों को शहीद का दर्जा नहीं मिला है. यह सब बातें वनकर्मियों को हैरान और परेशान भी कर रही हैं. विनोद चौहान कहते हैं वन शहीद दिवस पर केवल औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं. इस दिन ना तो किसी शहीद के परिजनों को सम्मानित किया गया, ना ही विधिवत रूप से सम्मान दिए जाने की कोई व्यवस्था की गई है.

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Last Updated : Sep 11, 2024, 5:37 PM IST

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