रायपुर :छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी की तैयारियां जोरों पर है. निकायों में आरक्षण के बाद अब पार्षद और मेयर के पद को लेकर उठापठक का दौर शुरु हो चुका है.आरक्षण को लेकर जिन दिग्गजों के वार्डों में बदलाव हुआ है,वो अब दूसरे वार्ड में अपनी जगह तलाश रहे हैं,वहीं जिन निकायों में मेयर की सीट महिला हुई है वहां पर दिग्गज अपनी पत्नियों को टिकट दिलाने के लिए जुगाड़ लगा रहे हैं.हालात ये हैं कि सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि दिल्ली दरबार तक नेता चहेतों का नाम लिस्ट की सूची में डलवाने के लिए पसीना बहा रहे हैं.
कांग्रेस में लगी होड़ :रायपुर नगर निगम में इस बार महिला प्रत्याशी को मेयर बनने का मौका मिलेगा.इसके लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के नेता अपनी-अपनी पत्नियों का चेहरा अपने नाम पर आगे रखना चाहते हैं.पत्नी के लिए नेता आलाकमान के दर पर फील्डिंग करने में व्यस्त हैं. पत्नी के मामले में टिकट लेने की बात करें तो इसमें सबसे आगे कांग्रेस दिखाई दे रही है.
कांग्रेस के किन नेताओं ने पत्नी के लिए लगाया जोर :कांग्रेस के ज्यादातर दावेदार महिला किसी ने किसी बड़े नेता की पत्नी है. इनमें दीप्ति दुबे निवृत्तमान सभापति प्रमोद दुबे की पत्नी,अरजुमन ढेबर निवृत्तमान महापौर एजाज ढेबर की पत्नी, परमजीत जुनेजा पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा की पत्नी सहित कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने महापौर पद के लिए कांग्रेस से दावेदारी की है. वहीं बीजेपी में अब तक किसी भी महिला दावेदार का नाम सामने नहीं आया है.
बेरोजगार नेताओं ने पत्नियों को किया आगे:इस पूरे मामले में जब बीजेपी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस में नेताओं की पत्नी ने टिकट मांगे हैं. जो इस ओर इशारा करता है कि पार्टी में महिला नेत्रियों का अभाव है. नारी सशक्तिकरण की बात करने वाली कांग्रेस ने महिलाओं को नेतृत्व नहीं दिया है. यही वजह है कि वहां पर ऐसी स्थिति निर्मित हुई है.
जो नेता बेरोजगार हैं वो अपनी पत्नियों के सहारे अपनी राजनीति को चमकाना चाहते हैं.जहां कैंडिडेट नहीं है वहां यदि पत्नियों को टिकट दिया जाता है तो उससे कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन सिर्फ पत्नियों को ही टिकट दिया जाए तो बाकी की पार्टी की दूसरी महिला नेत्री कहां जाएंगी- संजय श्रीवास्तव, प्रदेश महामंत्री बीजेपी
बीजेपी में कैसे मिलेगा टिकट :वहीं बीजेपी में पत्नियों को टिकट दिए जाने के सवाल पर संजय श्रीवास्तव ने कहा कि बीजेपी में चयन का आधार अलग है.मंडल से लेकर जिले, संभाग में जो दावेदारी करते हैं, उसका पैनल बनाया जाता है. संभाग स्तर फाइनल होता है. अलग-अलग कैटेगरी की समिति है. वो इसे फाइनल करती है. यहां पर सिस्टम बना हुआ है, जो पार्टी के मापदंड और सिस्टम पर खरा उतरेगी ,वहीं उम्मीदवार बनेगी.
बीजेपी के बयान पर कांग्रेस का पलटवार :वहीं बीजेपी के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा का कहना है कि कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र है. प्रत्येक कार्यकर्ता अपने उम्मीदवारी प्रस्तुत कर सकता है. उन्हें अधिकार दिया गया है. बीजेपी के नेताओं को दावेदारी करने का अधिकार नहीं है. लिफाफा संस्कृति बीजेपी की है. वहां ऊपर से लिफाफा में नाम आता है.जिसे खोलकर बता दिया जाता है.