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कई जगह ओलावृष्टि के साथ हुई तेज बारिश, खेत में खड़ी फसलों को नुकसान

कोटा संभाग में शुक्रवार शाम को तेज बारिश के साथ ओले गिरे. बिन मौसम हुई इस बारिश के चलते किसानों को फसलों में नुकसान की आशंका सता रही है. वहीं, झालावाड़ में भी कई जगह तेज बारिश के साथ ओले गिरे.

कोटा में गिरे ओले
कोटा में गिरे ओले

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 1, 2024, 8:15 PM IST

Updated : Mar 1, 2024, 8:25 PM IST

कोटा.संभाग में शुक्रवार शाम को अचानक मौसम ने पलटा खाया और तेज बारिश के साथ कई जगह ओले गिरे. कोटा जिले के इटावा उपखंड और झालावाड़ के झालरापाटन व आसपास के इलाके में बारिश हुई. बिन मौसम हुई इस बारिश के चलते किसानों को फसलों में नुकसान की आशंका सता रही है. किसानों की खेत में खड़ी फसल खराब हो सकती है. कई किसानों ने अपनी फसल को काटकर खेतों में ही छोड़ा हुआ है, ऐसे में उसमें भी नुकसान होने की संभावना है.

कोटा जिले के इटावा उपखंड में बादलों की तेज गर्जना के साथ बारिश का दौर शुरू हुआ. बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. किसानों को फसलों में भारी नुकसान की आशंका सताने लगी है. इटावा के मुंगेना, नलावता, रनोदिया, गणेशगंज, ख्यावदा, ढिबरी चंबल, बेजपूर, शेरगढ़ सहित कई गांवों में ओलावृष्टि हुई है.

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फसलों को होगा नुकसान : भारतीय किसान संघ के प्रांत मंत्री जगदीश शर्मा कलमंडा का कहना है कि धनिया की फसल बरसात में आड़ी गिर जाएगी. अभी फूल आने का समय है. इससे करीब 30 फीसदी उत्पादन कम हो जाएगा और क्वालिटी भी गिरेगी. सरसों खेत में कटी हुई पड़ी है, उसमें भी नुकसान होगा. खेत में खड़ी हुई फसल की फली में नमी आएगी, फिर धूप में कड़क होकर टूट जाएगी. फसल की गुणवत्ता भी कमजोर होगी. गेहूं की फसल में अभी दाना पकने लगा है, ऐसे में उसे भी नुकसान होगा.

झालावाड़ जिले में भी शुक्रवार को दोपहर बाद मौसम ने अचानक करवट बदली और जिला मुख्यालय सहित जिले के आधा दर्जन से अधिक कस्बों में तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश हुई. झालरापाटन और पनवाड़ सहित कई कस्बों में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी देखने को मिली. इस दौरान सड़कों पर चने के आकार से भी बड़े ओले गिरे. वहीं, बकानी, मनोहरथाना, अकलेरा, घाटोली तथा भवानीमंडी उपखंड क्षेत्र के भी कई गांवों में झमाझम बारिश से सड़कों पर पानी बह गया.

अचानक हुई बेमौसम बारिश के चलते किसानों के चेहरे पर मायूसी दिखाई दी. इन दिनों किसानों के खेतों में धनिया, सरसों, चना तथा गेहूं की फसल काट कर पड़ी हुई है. झालावाड़ जिले में अफीम की खेती भी होती है. किसान खेतों में उगे अफीम के डोडे में चीरे लगा चुके हैं. अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि के कारण अफीम के डोडों का दूध बहकर मिट्टी में मिलने की आशंका है.

Last Updated : Mar 1, 2024, 8:25 PM IST

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