चंडीगढ़: हरियाणा में गुरुवार को 14 जिलों में जमकर बारिश हुई. इस दौरान कई जिलों में ओलावृष्टि भी हुई. इन जिलों में पानीपत, जींद, कैथल, करनाल , फतेहाबाद और सोनीपत शामिल है. आज भी मौसम विभाग ने बारिश की संभावना जताई है. इस बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. बारिश के बाद शुक्रवार सुबह को प्रदेश में ठंड में बढ़ोतरी हुई है. कई जिलों में घने कोहरे से सुबह की शुरुआत हुई है. साथ ही कुछ जिलों में बादल भी छाए रहे.
आज हो सकती है बारिश: वहीं, देर रात ओलावृष्टि होने से सुबह को खेतों में सफेद चादर बिछ गई. बदलते मौसम से प्रदेश के गेहूं और सरसों की फसल वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है. मौसम विभाग ने शुक्रवार को बारिश की संभावना जताई है.ऐसे में आज भी बादल छाए रहेंगे. साथ ही कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.
फिर सक्रिय होगा पश्चिमी विक्षोभ:मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि फरवरी में अगले एक सप्ताह तक ठंड का असर देखने को मिल सकता है. इसके अलावा 24 फरवरी से एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय होने पर प्रदेश में इसका असर दिखेगा. इस दौरान हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.
हरियाणा के 14 जिलों में हुई बारिश: बात अगर गुरुवार की करें तो प्रदेश के 14 जिलों में शाम चार बजे के बाद मौसम ने अचानक करवट ली. तेज हवा के साथ बारिश शुरू हुई. इस बीच कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि भी हुई. देर रात तक कई जिलों में बारिश होती रही. आईएमडी चंडीगढ़ के मुताबिक शुक्रवार को सबसे अधिक तापमान रोहतक में 26.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जबकि महेन्द्रगढ़ में सबसे कम 11.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया.
एक्यूआई में आया सुधार: बात अगर हरियाणा के प्रदूषण की करें तो यहां की आबोहवा पहले से काफी बेहतर हुई है. शुक्रवार सुबह फरीदाबाद का एक्यूआई 71 और गुरुग्राम का 119 दर्ज किया गया.
अन्नदाताओं की बढ़ी परेशानी:हरियाणा के 14 जिलों में बीते दिन हुई बारिश और ओलावृष्टि से कई फसलों के नुकसान होने की संभावना है. इस बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. गुरुवार को हुई ओलावृष्टि से सरसों की फसल पर आया फल झड़ गया है. वहीं, जिन किसानों ने गेहूं की फसल में पिछले दो- तीन दिनों के दौरान सिंचाई की है, वो फसल तेज हवा चलने की वजह से गिर गई है. फसल गिरने से गेहूं का उत्पादन घटने की संभावना है.
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