लखनऊ :दक्षिण-पश्चिम मानसून ने उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग से वापस लौटना शुरू कर दिया है. मानसून के लौटने की सामान्य तिथि 2 अक्टूबर है, इस लिहाज से यह लगभग 1 सप्ताह विलंब से वापसी कर रहा है. यानी मानसून कई इलाकों में अब भी सक्रिय है. हालांकि आज यानी रविवार को यूपी के 13 जिलों में बारिश का अलर्ट है. मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक वैसे तो मानसून लौट रहा है, लेकिन अक्टूबर में पिछले वर्षों की अपेक्षा सामान्य से अधिक बारिश होगी.
यूपी में पिछले 24 घंटे में हुई बारिश. (Photo Credit; ETV Bharat) वर्तमान में मानसून वापसी की अक्ष रेखा मध्य नेपाल से उत्तर प्रदेश के नौतनवा, सुल्तानपुर, मध्य प्रदेश के पन्ना, नर्मदापुरम, खरगौन, महाराष्ट्र के नंदुरबार एवं गुजरात के नवसारी होते हुए अरब सागर तक जा रही है. आगामी 3-4 दिनों के दौरान पूर्वांचल के शेष हिस्सों में संभावित छिटपुट बारिश के परिदृश्य में अभी यहां मानसून वापसी नहीं हैं. यहां हल्की बारिश के आसार बने रहेंगे.
यूपी में अब तक हुई बारिश. (Photo Credit; ETV Bharat) प्रयागराज में हुई झमाझम बारिश :शनिवार को यूपी के प्रयागराज में जोरदार बारिश हुई. सुबह 8.30 से 5.00 बजे के बीच लगभग 9 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई. इसके अलावा सोनभद्र में 3 मिलीमीटर, वाराणसी तथा बस्ती में हल्की बारिश रिकार्ड की गई.
यूपी के 13 जिलों में बारिश का अलर्ट है. (Photo Credit; ETV Bharat) इन जिलों में बारिश का अलर्ट :कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, मऊ, बलिया, गाजीपुर, आजमगढ़, जौनपुर, संत रविदास नगर, वाराणसी, चंदौली, प्रयागराज, मिर्जापुर, सोनभद्र में कुछ स्थानों पर बारिश का अलर्ट है.
लौटती बेला में मानसून यूपी के 13 जिलों में झमाझम बरसात करेगा. (Photo Credit; ETV Bharat) 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक बारिश :उत्तर प्रदेश में अनुमान बारिश 9.4 के हिसाब से 0.6 मिमी रिकॉर्ड की गई, जो कि सामान्य से 93% कम है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में अनुमानित बारिश 11.7 के सापेक्ष 1.2 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई, जो सामान्य से 91% कम है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अनुमानित बारिश 6.3 के सापेक्ष 0.0 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई जो कि सामान्य से 99% काम है.
लखनऊ में साफ रहेगा मौसम :राजधानी में शनिवार को सुबह से ही आसमान साफ रहा. दिन में कुछ स्थानों पर बादलों की आवाजाही रही. अधिकतम तापमान में विशेष बदलाव नहीं हुआ है. अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक है. वहीं न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो सामान्य से 3.6 डिग्री सेल्सियस अधिक है. मौसम में अधिकतम आर्द्रता 97% तथा न्यूनतम आर्द्रता 42% रिकॉर्ड की गई.
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार रविवार को लखनऊ में मुख्तया आसमान साफ रहेगा. दोपहर के समय कुछ स्थानों पर बादलों की आवाजाही रहेगी. अधिकतम तापमान 35 व न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
आगरा सबसे गर्म :शनिवार को उत्तर प्रदेश का आगरा सबसे गर्म जिला रहा, जहां पर अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो सामान्य से 1 डिग्री सेल्सियस अधिक है. वहीं सबसे न्यूनतम तापमान मुजफ्फरनगर में 21.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो कि सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस अधिक है.
इस सीजन कहां-कितनी बारिश:मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर अतुल सिंह ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश में मानसून ऋतु (01 जून-30 सितम्बर, 2024) के दौरान प्रदेश में समेकित रूप से 746.2 मिमी के दीर्घावधि में औसत के सापेक्ष कुल 744.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य के लगभग बराबर है. जबकि पिछले वर्ष कुल प्रादेशिक मानसूनी वर्षा दीर्घावधि औसत से 17% कम मात्र 619.3 मिमी रही थी. प्रादेशिक स्तर पर मानसून-2024 के दौरान जहां 4 जिलों (एटा, औरैया, हाथरस, फिरोजाबाद) में सामान्य से अत्यधिक (दीर्घावधि औसत से +60% या उससे अधिक) वर्षा हुई, वहीं 2 जिलों (शामली, गौतम बुद्ध नगर) में सामान्य से अत्यंत कम (दीर्घावधि औसत से -60% या उससे कम) वर्षा हुई. वहीं 14 जिलों में सामान्य से अधिक (दीर्घावधि औसत से +20 से +59% अधिक), जबकि 19 जिलों में सामान्य से कम (दीर्घावधि औसत से -20 से -59% कम) वर्षा दर्ज की गई. 36 जिलों में वर्षा सामान्य (दीर्घावधि औसत से ±19 कम/ज्यादा) रही. इसी क्रम में राजधानी लखनऊ में इस वर्ष 683.2 मिमी के दीर्घावधि औसत के सापेक्ष 2% अधिक कुल 696.7 मिमी वर्षा हुई, जबकि गत वर्ष यह 6% कम 639 मिमी मात्र रही थी. इस वर्ष मानसून ऋतु के दौरान प्रदेश के बस्ती में सर्वाधिक 1276.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई.
अक्टूबर में होगी सामान्य से अधिक बरसात:भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र पर तटस्थ अलनीनो स्थितियों के मानसून ऋतु के बाद धीरे-धीरे लानिना परिस्थितयों में बदलने तथा मानसून वापसी में हुए आंशिक विलंब के परिप्रेक्ष्य में अक्टूबर के दौरान प्रादेशिकवर्षा सामान्य से अधिक रहेगी. इस कारण अक्टूबर से दिसम्बर तक की मानसून पश्चात कुल समेकित वर्षा सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. यद्यपि इस ऋतु के दौरान बहुत कम (वार्षिक औसत का मात्र 3%) वर्षा होती है अतः इसमें विचलन अधिक होता है. यानी क्षेत्र निर्धारित नहीं होगा. इसी क्रम में अक्टूबर के दौरान प्रदेश के ज्यादातर स्थानों पर न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने, जबकि अधिकतम तापमान भी सामान्य अथवा सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है. इससे मौसम अपेक्षाकृत गर्म रहने की संभावना है.
कानपुर में मौसम का यू टर्न, झमाझम बारिश से गर्मी सर्दी में बदली
कानपुर में लगातार पिछले कुछ दिनों से दिन में जहां तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक था, वहीं रात में भी तापमान 20 से 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा था. रविवार को सुबह जहां तेज धूप निकली, वहीं दोपहर में अचानक मौसम बदला और निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित होने के चलते कानपुर में अचानक ही झमाझम बारिश होने लगी. इससे लोगों को गर्मी से राहत मिली तो हल्की ठंड भी महसूस हुई. कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एसएन सुनील पांडे ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित होने से अब लगातार कानपुर मंडल में 10 से 15 मिलीमीटर बारिश रोजाना ही देखने को मिलेगी. लेकिन इस बारिश के साथ-साथ जो धूप निकलेगी वह लोगों को बीमार कर सकती है.
मोती झील में लगे लेदर मेला में पानी भरा:शहर के मोतीझील स्थित मैदान में जब बारिश हुई तो वहां पर आयोजित लेदर मेला के कई स्टॉल्स के बाहर अच्छा खासा पानी भर गया. आयोजकों का कहना था कि यहां इंतजाम तो बेहतर किए गए थे लेकिन अचानक जो मौसम बदला उससे पूरा लेदर मेला में पानी पानी हो गया. रविवार का दिन होने के चलते शहर में भी जब लोग खरीदारी करने निकले तो अचानक उन्हें बारिश का सामना करना पड़ा.
उन्नाव में 18 तो बिल्हौर में 12 मीटर बारिश रिकार्ड की गई थी:मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एसएन सुनील पांडे ने बताया कि मौसम में जो अचानक बदलाव आया है, वह कानपुर और आसपास शनिवार से ही आ गया था. शनिवार देर शाम शहर से सटे उन्नाव में जहां 18 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई थी तो वहीं शहर के अंदर बिल्हौर में 12 मिलीमीटर बारिश हुई थी. इसी तरीके से रविवार दोपहर भी कानपुर के अंदर 10 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई. कहा कि अभी बारिश का दौर सोमवार से लेकर बुधवार तक लगातार जारी रहेगा.
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