बैतूल: भारतीय रेलवे, ट्रेनों की सुरक्षा को लेकर हमेशा सजग रहती है. वहीं, बात अगर सुपरफास्ट ट्रेन वंदे भारत की हो तो रेलवे की सक्रियता और बढ़ जाती है. वंदे भारत ट्रेन से आए दिन जानवरों के टकराने की घटनाएं होती रहती हैं. इससे बचाव के लिए रेलवे ने एक नया तरीका अपनाया है. इसके लिए कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है जो ट्रेन के गुजरने से पहले जानवरों को ट्रैक पर आने से रोकते हैं. कर्मचारी लाठी लेकर ट्रैक के आसपास दिखाई देने वाले जानवरों को करीब 1 किलोमीटर दूर तक खदेड़ देते हैं. वंदे भारत ट्रेन के गुजरने से पहले इनका रोजाना का यही काम है.
जहां मवेशियों की आवाजाही अधिक वहां कर्मचारी तैनात
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि, बैतूल इटारसी जंक्शन में ऐसे डेंजर जोन जहां मवेशियों की आवाजाही अधिक होती है. जहां बीते दिनों मवेशियों के ट्रेन से टकराने की कई घटनाएं हो चुकी हैं. उन क्षेत्रों में जानवरों को ट्रैक से दूर भगाने के लिए कर्मचारियों की तैनाती की गई है. हर कर्मचारी वंदे भारत ट्रेन के गुजरने से पहले करीब 2 किलोमीटर की पेट्रोलिंग करता है. इस दौरान अगर कोई जानवर दिखता है तो रेलकर्मी उसको ट्रैक से दूर भगाता है. इटारसी-घोड़ाडोंगरी रेलवे स्टेशन के बीच कालाआखर क्षेत्र में ट्रेन के मवेशियों से टकराने की घटना अधिक होती है. इसलिए वहां अधिक कर्मचारी तैनात किए गए हैं.
बैतूल से होकर गुजरती है 'इंदौर नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस'
बैतूल जिले से एकमात्र वंदे भारत एक्सप्रेस 'इंदौर नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस' गुजरती है. इस ट्रेन का बैतूल में स्टॉपेज है. नाम नहीं छापने की शर्त सुरक्षा में तैनात एक कर्मचारी ने बताया कि, "रोजाना सुबह 10 से शाम 6 तक वंदे भारत एक्सप्रेस की सुरक्षा के लिए रेल पटरी पर तैनात रहता हूं. ड्यूटी पर आते ही सबसे पहले ट्रैक के आसपास के पशुओं को करीब 1 किलोमीटर दूर तक भगा कर आता हूं. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के आने के पहले रेल पटरी पर ट्रेन के आगे आगे चलकर मवेशियों को ट्रैक से भगा देता हूं. जिससे जानवर ट्रेन से न टकरा पाएं."
जानवर टकराने से आ जाती है तकनीकी खराबी