रांची:राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पांच फरवरी को रांची में आयोजित की जाएगी. इसको लेकर कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं के द्वारा एचईसी एरिया स्थित शहीद मैदान में तैयारी की जा रही है. उधर, राहुल गांधी की रांची यात्रा को लेकर एचईसी के मजदूर नेता और कारखाना में काम करने वाले कामगार भी उम्मीद लगाए बैठे हैं. मजदूरों को यह उम्मीद है कि संसद भवन में विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस एचईसी के उत्थान के लिए आवाज उठाएगी.
भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होंगे एचईसी के मजदूरःइस संबंध में एचईसी मजदूर नेता भवन सिंह ने बताया कि कल हजारों की संख्या में सभी मजदूर एचईसी बचाओ मजदूर जनसंघर्ष समिति के नेतृत्व में जुलूस की शक्ल में शहीद मैदान पहुंचेंगे और वहां पर एचईसी को बचाने के लिए कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के माध्यम से राहुल गांधी तक अपनी आवाज पहुंचाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि एचईसी का निर्माण कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के प्रयास से हुआ था. इसलिए कांग्रेस के नेताओं को एचईसी के बर्बाद होने का दर्द है. एचईसी मजदूर यूनियन के नेताओं ने बताया कि स्थानीय कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय के माध्यम से राहुल गांधी को एक पत्र भी सौंपा जाएगा. जिसमें एचईसी के मजदूरों के दर्द के बारे में जानकारी दी जाएगी.
एचईसी मजदूरों की समस्या से अवगत होंगे राहुल गांधीःवहीं इस संबंध में कांग्रेस नेता रोहित पांडेय ने कहा कि राहुल गांधी सोमवार को मजदूर नेताओं से मिलेंगे और उनकी समस्या से अवगत होंगे. साथ ही एचईसी के मजदूरों के वेतन को लेकर संसद भवन में आवाज उठाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि एचईसी में काम करने वाले कामगार पांच फरवरी को झंडा और बैनर के साथ जुलूस की शक्ल में शहीद मैदान पहुंचेंगे.
एचईसी के मजदूरों के साथ हुआ अन्याय-सुबोधकांत सहायः वहीं देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री सह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा कि सबसे ज्यादा अन्याय यदि पूरे देश में कहीं हुआ है तो एचईसी के मजदूरों के साथ हुआ है. इसलिए एचईसी के बगल के शहीद मैदान को न्याय यात्रा के लिए मुकम्मल जगह माना जा रहा है. इस मैदान में अन्याय के शिकार हुए एचईसी के मजदूरों की आवाज को राहुल गांधी सुनेंगे. कल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में वह प्रयास करेंगे कि राहुल गांधी मजदूरों की आवाज को सुनकर केंद्र की गलत नीतियों से अवगत हों, ताकि एचईसी मजदूरों की आवाज को बुलंद किया जा सके. साथ ही लोगों को बता सकें कि किस तरह भारत सरकार देश के धरोहर को बर्बाद कर रही है.