जयपुर. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के बयान से उठा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी के बयान की निंदा की. इस पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने दिल्ली से आई पर्ची पढ़कर यह साबित कर दिया है कि यह हकीकत में पर्ची सरकार है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास प्रेसवार्ता में कोई मुद्दा नहीं था. दिल्ली से आई पर्ची पढ़कर उन्होंने धन्यवाद और चलो-चलो कहकर अपना संबोधन समाप्त किया. जिसने भी मुख्यमंत्री को पर्ची लिखकर दी, उसने पर्ची बनाने में किसी तरह से बुद्धि का प्रयोग नहीं किया.
राहुल गांधी ने उठाए जनता के मुद्दे : उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी ने जनता के मुद्दे उठाए. राहुल गांधी ने साफ कहा कि भाजपा तथा आरएसएस हिंदू समाज के ठेकेदार नहीं है. आरएसएस के स्वयंसेवक और भाजपा के नेता ही केवल हिंदू नहीं हैं, बल्कि देश के करोड़ों लोग हिंदू समाज के हैं. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि हिंदू होने के लिए किसी को भाजपा से प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है.
बेचैन हो गए थे पीएम मोदी और अमित शाह : डोटासरा ने कहा कि जब राहुल गांधी जनता की आवाज संसद में उठा रहे थे, तब गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेचैनी का अनुभव कर रहे थे. उनके भाषण में एक भी शब्द ऐसा नहीं था, जो संसदीय परंपराओं के अनुकूल ना हो और प्रक्रिया एवं नियमों के विरूद्ध हो. भाजपा का हमेशा से एजेंडा रहा है कि विपक्ष के नेताओं के भाषण काट-छांट कर सोशल मीडिया पर चलाकर झूठे तथ्य फैलाए जाएं. राहुल गांधी ने शेर की तरह दहाड़ते हुए अपना वक्तव्य दिया. जिसे मीडिया के माध्यम से सभी देशवासियों ने सुना और देखा.