लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रायबरेली के चर्चित आदित्य हत्याकांड में सत्र न्यायाधीश को आदेश दिया है कि वह मामले से सम्बंधित पत्रावली को एक सप्ताह में अपने पास तलब करें तथा मामले की दिन-प्रतिदिन सुनवाई करें. न्यायालय ने ताकीद की है कि मामले का ट्रायल 31 अगस्त 2024 तक पूरा कर लिया जाए अन्यथा सत्र न्यायाधीश के विरुद्ध प्रतिकूल निष्कर्ष दिया जाएगा. यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की एकल पीठ ने अभियुक्त सुरेश यादव की जमानत याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किया. है.
अभियुक्त की ओर से ट्रायल में देरी के आधार पर दूसरी जमानत याचिका दाखिल की गई थी. मामला रायबरेली के हरचंदपुर थाने का अक्टूबर 2019 का है. आरोप है कि छात्र आदित्य सिंह को सोमू ढाबा पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया था और बाद में उसकी हत्या कर दी गई. मामले में ढाबे का मालिक सुरेश यादव 14 अक्टूबर 2019 से जेल में है. उसकी ओर से दलील दी गई कि अब तक महज अभियोजन के महज चार गवाह प्रस्तुत किए गए हैं, यही नहीं सत्र न्यायाधीश ने अपने एक आदेश में स्वीकार किया है कि मामले का वादी विचारण में सहयोग नहीं कर रहा.
इस पर न्यायालय ने उपरोक्त आदेश पारित किया. न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि सत्र न्यायाधीश यह सुनिश्चित करें कि ट्रायल के दौरान हड़ताल अथवा कंडोलेंस आदि का प्रभाव न पड़े और ऐसी परिस्थिति में सत्र न्यायाधीश अपने चैंबर में ही मामले की सुनवाई करें. न्यायालय ने कहा है कि ट्रायल में देरी से अभियुक्त को तीसरी जमानत याचिका दाखिल करने का अवसर मिलेगा. साथ ही यह भी आदेश दिया है कि ट्रायल पूर्ण होने की जानकारी हाईकोर्ट को भी दी जाए.