हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

सराज में सीएम सुक्खू भी नहीं खोल पाए जयराम सरकार के लगे ताले, धूल फांक रही हैं लाखों की मशीनरी - radiologist posts Vacant in Seraj

radiologist posts Vacant in Seraj: सराज विधानसभा क्षेत्र में तीन अस्पतालों में लगी अल्ट्रासाउंड मशीनें धूल फांक रही हैं. इन अस्पतालों में रेडियोलॉजिस्ट के पद खाली होने के कारण लोगों को अल्ट्रासाउंड के लिए कई किलोमीटर दूर मंडी, नेरचौक का सफर करना पड़ रहा है.

अल्ट्रासाउंड कमरों में लगे ताले
अल्ट्रासाउंड कमरों में लगे ताले (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 27, 2024, 1:40 PM IST

सराज: स्वास्थ्य के क्षेत्र में अव्वल होने के दावे धरातल पर धराशायी हो रहे हैं. स्वस्थ्य सुविधा के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र सराज के लोगों को अल्ट्रासाउंड के लिए लंबी दौड़ लगानी पड़ रही है. दरअसल कहने को तो पूर्व सरकार ने सिविल अस्पताल जंजैहली, बगस्याड़ और सीएचसी थुनाग में लाखों रुपए खर्च कर अल्ट्रासाउंड की मशीनरी भेज दी थी, लेकिन मौजूदा समय में रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने के कारण अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहे हैं और मशीनें धूल फांक रही हैं. मरीजों को आज भी अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए 70 से 80 किलोमीटर दूर मंडी या नेरचौक जाना पड़ रहा है.

स्वस्थ्य विभाग ने करोड़ों की इन मशीनों को कमरे में बंद कर रखा है, क्योंकि इन्हें चलाने के लिए अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट ही तैनात नहीं है. सराज विधानसभा क्षेत्र में दो सिविल अस्पताल और तीन सीएचसी हैं. इसमें तीन अस्पतालों जंजैहली, बगस्याड़, थुनाग में करोड़ों रुपए की अल्ट्रासाउंड मशीनें तो हैं, लेकिन उन्हें चलाने के लिए लंबे समय से रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं हो पाई है. ऐसे में क्षेत्र के लोगों को अल्ट्रासाउंड के लिए 70 से 80 किलोमीटर दूर क्षेत्रीय अस्पताल मंडी, मेडिकल कॉलेज नेरचौक या सुंदरनगर के अलावा निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है. इसमें मरीजों का आने-जाने में ही पूरा दिन खत्म हो रहा है.

अल्ट्रासाउंड के लिए जाना पड़ता है कई किलोमीटर दूर

निजी क्लीनिकों और अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड करवाने क लिए दो से पांच हजार रुपये तक का खर्चा आ रहा है. क्षेत्र के लोगों ने स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि, अस्पतालों में शीघ्र रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती की जाए, जिससे लाखों रुपए खर्च कर लाई मशीनरी का लाभ लोगों को मिल सके. गौरतलब है कि मंडी के सभी विधानसभा क्षेत्रों में से सराज की भौगोलिक परिस्थितियां अन्य विधानसभा क्षेत्रों की तुलना में भिन्न हैं. ज्यादातर लोग दूरदराज के इलाकों में रहते हैं. लोगों की सुविधा के लिए पूर्व सरकारों ने उपमंडल स्तर पर भले ही सिविल अस्पताल खोल दिए थे, लेकिन इनमें सबसे जरूरी टेस्ट करने की सुविधा आज भी नहीं हैं. मरीजों को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए 70 किलोमीटर दूर मेडिकल कालेज नैरचौक, 85 किलोमीटर दूर जोनल अस्पताल मंडी या निजी लैब में जाना पड़ रहा है. यहां भी कई बार मरीजों का नंबर नहीं लग पाता. सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को हो रही है, क्योंकि अल्ट्रासाउंड के लिए उन्हें गाड़ियों में लंबा सफर तय करना पड़ता है. उसके बाद लैब के बाहर भीड़ में धक्के खाने पड़ते हैं. थुनाग निवासी खीरामणी ने कहा कि,'उन्हें गर्भवती पत्नी को अल्ट्रासाउंड के लिए हर महीने कई किलोमीटर दूर मंडी या नेरचौक ले जाना पड़ता है. थुनाग अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सुविधा मिलती तो उन्हें इस परेशानी से छुटकारा मिल जाता.'

अल्ट्रासाउंड के न होने से खड़े होते हैं डाक्टर के हाथ

इन नागरिक अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि, 'जब कभी सड़क हादसे में घायल मरीज हमारे पास आते हैं तो अल्ट्रासाउंड न होने के चलते हमें मरीजों को रेफर करना पड़ता है. बिना अल्ट्रासाउंड के हमारे हाथ खड़े हो जाते हैं. अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा होने से अधिकांश मरीजों को रैफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.'

मार्च 2022 में हुआ था अंतिम अल्ट्रासाउंड
बीएमओ बगस्याड डाक्टर राकेश रोशन भारद्वाज ने कहा कि, 'मार्च 2022 में नागरिक अस्पताल बगस्याड़ में अंतिम बार अल्ट्रासाउंड हुआ था. इसके बाद आज भी अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की पोस्ट खाली है.'

ये भी पढ़ें: ट्रक पर केरल से बिलासपुर पहुंचा ये 'पानी वाला जहाज', गोबिंद सागर में पर्यटक ले पाएंगे इसकी सवारी का आनंद

ये भी पढ़ें: शिमला में 7 एंबुलेंस में ढोई जा रही थी सवारियां, चेकिंग अभियान के दौरान आरटीओ ने काटा चालान

ABOUT THE AUTHOR

...view details