पंचकूला:पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने एक आदेश में सैनिकों को राहत प्रदान की है. इस आदेश में हाई कोर्ट ने कहा है कि सैन्य सेवा के दौरान जब तक इस बात का सबूत नहीं है कि एक सैनिक खराब खान-पान और शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण मधुमेह (डायबिटीज) का शिकार हुआ है, तब तक तक सेना से छुट्टी पर अधिकारी चिकित्सा के आधार पर सैनिक विकलांगता पेंशन से इनकार नहीं कर सकते.
सैनिक विकलांगता पेंशन का है मामला: एक मामले में सैन्य अधिकारियों ने खराब आहार संबंधी आदतों और शारीरिक गतिविधि की कमी को बीमारी का कारण बताते हुए टाइप 2 मधुमेह से चिकित्सा श्रेणी में सेवा से छुट्टी पाने वाले एक सैनिक को विकलांगता पेंशन देने से इनकार कर दिया था.
बीमारी के सबूत होना जरूरी: हाई कोर्ट ने कहा है कि जब तक इस बात का सबूत नहीं मिलता कि सैनिक ने प्रतिबंधित भोजन खाया था या कभी शारीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं हुआ, तब तक उक्त कारणों को वर्तमान प्रतिवादी पर तय नहीं किया जा सकता. कहा गया कि ये अदालत मेडिकल बोर्ड की राय को महत्व देने के लिए बाध्य नहीं है. हाई कोर्ट ने कहा कि बीमारी की शुरुआत को पूर्ववर्ती आनुवंशिक पारिवारिक इतिहास की अगली कड़ी नहीं कहा जा सकता.