नई दिल्ली:राजधानी में हुए कोचिंग हादसे को लेकर छात्रों में अब भी रोष व्याप्त है. इसी क्रम में छात्र बुधवार को प्रदर्शन किया. इससे पहले डीसीपी ने उनसे प्रदर्शन खत्म करने की अपील की थी. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने कोचिंग इंस्टीट्यूट्स को कानून के दायरे में लाने का ऐलान कर दिया है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने घटना को लेकर रोष जताते हुए कई जानकारी दी है.
बेसमेंट में नहीं चलेंगे कोचिंग सेंटर्स:प्रदर्शनकारी छात्र ने बताया कि एलजी से मीटिंग के लिए पांच लोग लोग प्रतिनिधि के रूप में गए थे. एलजी ने सख्त निर्देश दिए हैं और बेसमेंट में कोचिंग संचालित करने को सख्त मना कर दिया है. साथ ही अगर कोचिंग पहली या दूसरी मंजिल पर चलाए जा रहे हैं, अगर वे नियमों का पालन नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. उसने बताया कि घटना की रात उसकी एक छात्र से बात हुई थी, जिसने बताया था कि जब निकला था तो तीन छात्र वहां से थे. इसलिए कहा जा सकता है कि तीन ही छात्रों की मौत हुई है.
फोन का टॉर्च ऑन कर लोगों को निकाला:उसने आगे बताया कि जब कोचिंग से निकले आखिरी छात्र से वह मिला, तो उसने बताया था कि नीचे तीन लोग फंसे हैं और वह घबराकर हांफ रहा था. वह दक्षिण भारत से था. वहीं एक उत्तर पूर्व से छात्र वहां बाल्टी से पानी निकाल रहा था. मैंने अपने फोन का टॉर्च ऑन कर लोगों को बाहर निकाला. मैं काफी रात तक वहां रहा.
कोई मिलने नहीं आया: वहीं एक अन्य प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा कि प्रशासन को हमारे सामने आना चाहिए. हमारे सामने आने में दिक्कत है तो मीडिया के सामने आए. कोचिंग के डायरेक्टर फीस लेते समय तो कुछ नहीं सोचते. उन्हें यह बताना चाहिए कि उनके पास कितनी सीट उपलब्ध हैं. कोचिंग के डायरेक्टर को हमसे मिलने आना चाहिए. वहीं जिस इंस्टिट्यूट में लाइब्रेरी हो वहां एंट्री और एग्जिट अलग-अलग होना चाहिए.