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NCTE की शवयात्रा, बर्खास्त बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों ने दिया प्रतिकात्मक शव को कंधा - PROTEST BY DISMISSED BED TEACHERS

नाराज शिक्षकों ने फिर से नौकरी पर वापस रखे जाने की मांग की है.

Protest by dismissed BEd teachers
NCTE की निकाली गई शवयात्रा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 10, 2025, 10:34 PM IST

रायपुर: B.Ed डिग्री वाले सहायक शिक्षकों का आंदोलन पिछले 23 दिनों से लगातार जारी है. बर्खास्त किए गए नया रायपुर स्थित तूता धरना स्थल पर एक के बाद एक भी सरकार के खिलाफ अलग-अलग तरीके से अपना प्रदर्शन कर रहे हैं. नाराज शिक्षक कभी जल समाधि तो कभी अनशन पर बैठ रहे हैं. कभी भाजपा प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर का घेराव कर रहे हैं तो कभी मार्च निकाल रहे हैं.

NCTE की शवयात्रा: सहायक शिक्षकों ने आज केंद्र सरकार की शैक्षणिक संस्था एनसीटीई की शव यात्रा निकाली. इस शव यात्रा में सैकड़ों की संख्या में सहायक शिक्षक शामिल हुए. प्रदर्शन कर रहे सहायक शिक्षकों ने पहले प्रदर्शन स्थल पर एनसीटीई की काठी तैयार की. जिस तरह से शवयात्रा निकाली जाती है उसी तरह से प्रतिकात्मक शवयात्रा निकाली गई. सहायक शिक्षकों ने प्रतिकात्मक शवयात्रा के अंत में पिंडदान भी किया.

NCTE की निकाली गई शवयात्रा (ETV Bharat)

बर्खास्तगी रद्द करने की मांग: सहायक शिक्षक लगातार सरकार से बर्खास्तगी रद्द करने की मांग कर रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि नियम के तहत उन्हें नौकरी पर रखा गया था. लेकिन अब उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ शासकीय तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने भी इन सहायक शिक्षकों के आंदोलन को समर्थन दिया है. संघ के संरक्षक विजय झा का कहना है कि आज सरकार की वजह से इन सहायक शिक्षकों की जिंदगी बर्बाद हुई है.

सरकार ने जो बर्खास्तगी का आदेश दिया है उससे कहीं ना कहीं इन सभी 2900 सहायक शिक्षक सड़क पर आ गए हैं. उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या आ गई है. हमारी मांग है कि सरकार तत्काल इन्हें नौकरी पर वापस ले. पहले भी कई कमिटियां बनाई गई लेकिन आज तक उसका कोई परिणाम कर्मचारियों के पक्ष में देखने को नहीं मिला. चाहे फिर वह सफाई कर्मचारी कमेटी, रसोईया कमेटी, लिपिक कमेटी हो या फिर अन्य कोई कमेटी - विजय झा, संरक्षक, शासकीय स्थिति वर्ग कर्मचारी संघ

क्या है विवाद के पीछे की वजह: बस्तर और सरगुजा संभाग में 6285 पदों पर सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए 4 मई 2023 को नोटिफिकेशन जारी किया गया. इसमें शैक्षणिक योग्यता B.ed और डीएलएड दोनों थी. जून 2023 से भर्ती परीक्षा आयोजित की गई. जुलाई 2023 को रिजल्ट जारी किया गया. इस बीच अगस्त 2023 में सुप्रीम कोर्ट का आर्डर आया जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता का हवाला देते हुए एनसीटीई 2018 के गजट को रद्द कर दिया गया. इस निर्णय के आधार पर डीएलएड के अभ्यर्थियों ने बिलासपुर हाईकोर्ट में मामला दायर किया.

बिलासपुर हाईकोर्ट पहुंचा मामला: इस बीच स्कूल शिक्षा विभाग में जारी रिजल्ट के आधार पर भर्ती के लिए सत्यापन और काउंसलिंग शुरू की. बिलासपुर हाईकोर्ट में मामला जाने के बाद B.Ed अभ्यर्थियों को इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया. इसके बाद B.Ed अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट गए. वहां से अंतरिम राहत मिली. सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि यह भर्ती हाईकोर्ट के फैसले के अधीन रहेगी. इसके बाद B.Ed के अभ्यर्थियों की काउंसलिंग हुई और करीब 2900 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति हुई. नियुक्ति के बाद उन्होंने कई महीने तक नौकरी भी की.

जब आया कोर्ट का फैसला: इसी बीच अप्रैल 2024 में बिलासपुर हाईकोर्ट का एक फैसला आया. फैसले में बीएड के अभ्यर्थियों की जगह डीएलएड के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की बात कही गई. हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद एक बार फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. 28 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने याचिक खारिज कर दी. इसके बाद डीएलएड के अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट बिलासपुर में अवमानना का केस दायर किया. इसकी सुनवाई 10 दिसंबर 2024 को हुई. इसमें दो सप्ताह के भीतर निर्देश का पालन करने का आदेश दिया गया. साथ ही अगली सुनवाई की तारीख 24 जनवरी 2025 दी गई है. कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में सहायक शिक्षक के पद से 2900 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया.

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