पुष्कर में ब्रह्मलोक कॉरिडोर के विरोध में रैली (ETV Bharat Ajmer) अजमेर.तीर्थराज पुष्कर में विश्व के इकलौते ब्रह्मा मंदिर को उज्जैन महाकाल की तर्ज पर कॉरिडोर बनाने की कवायद के बीच अब विरोध के स्वर भी तेजी से उठने लगे हैं. बुधवार को पुष्कर में तीर्थ पुरोहित और स्थानीय लोगों ने सड़क पर उतरकर पुष्कर ब्रह्मा मंदिर में कॉरिडोर बनाए जाने का विरोध जताया. रैली के रूप में विरोध कर रहे लोग एसडीएम कार्यालय पहुंचे और पीएम नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर कॉरिडोर नहीं बनाने की मांग की. जब एसडीएम कार्यालय में जल संसाधन मंत्री और पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत पहुंचे, तो लोगों ने 'पुष्कर बचाओ' के नारे लगाकर विरोध जताया.
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा राज में पुष्कर में कॉरिडोर बनाने की कवायद शुरू हुई. पिछले दिनों अजमेर विकास प्राधिकरण से अधिकारियों की एक टीम उज्जैन महाकाल में कॉरिडोर का अध्ययन करके भी आई है. राज्य सरकार के निर्देश पर एडीए की टीम ब्रह्मलोक कॉरिडोर का ड्राफ्ट बनाने की तैयारी भी कर रही है. वहीं दूसरी और बुधवार को ब्रह्मा मंदिर के आसपास की दुकान बंद कर तीर्थ पुरोहित और स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए.
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पर्यटक स्थल ना बनाएं: विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि पुष्कर सतयुग का तीर्थ है. इसे तीर्थ ही रहने दिया जाए. पर्यटक स्थल नहीं बनाएं. टेंपल सिटी के रूप में पुष्कर का विकास करवाया जाए. साथ ही मंदिर परिसर में विकास करवाया जाए. मंदिर के बाहरी क्षेत्र में कॉरिडोर ना बनाएं. विरोध स्वरूप लोगों ने दोपहर 12 से 3 बजे तक राम राय का मंदिर से ब्रह्मा मंदिर होते हुए ब्रह्म चौक तक दुकान बंद रखी. दुकानदार और क्षेत्रवासी जुलूस के रूप में उपखंड अधिकारी के दफ्तर पहुंचे.
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शास्त्र विरुद्ध है कॉरिडोर:लोगों का कहना है कि पुष्कर जल प्रधान तीर्थ है. मंदिर कॉरिडोर शास्त्र और धर्म ग्रंथों के विरुद्ध है. इससे पुष्कर की बसावट भी प्रभावित होगी. बुजुर्ग तीर्थ पुरोहित पुष्कर नारायण पाराशर ने कहा कि तीर्थ पुरोहित संघ ट्रस्ट की मांग है कि पुष्कर में कॉरिडोर नहीं होना चाहिए. ब्रह्मा मंदिर के दुकानदार कॉरिडोर बनाए जाने से चिंतित हैं. व्यापारियों का कहना है कि कॉरिडोर बनाने से उनके प्रतिष्ठानों को हटाया जाएगा. कई लोग बेरोजगार होंगे और जनभावनाएं आहत होंगी.
एसडीएम ने आश्वासन दिया है कि किसी के भी घर या दुकान को नहीं छेड़ा जाएगा. लेकिन एडीए की टीम की ओर से सर्वे और मार्किंग की जा रही है. इससे लोगों में भय व्याप्त है. वहीं सरकार ने भी योजना के बारे में पूरी तरह से खुलासा नहीं किया है. स्थानीय व्यापारी ने कहा कि पुष्कर छोटा कस्बा है. यहां कॉरिडोर बनाया जाना मुमकिन नहीं है. अयोध्या में जो स्थानीय लोगों के साथ हुआ, वह हमारे साथ नहीं होना चाहिए.
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जन भावना के अनुरूप होगा विकास-रावत: लोगों के विरोध प्रदर्शन के बीच जल संसाधन मंत्री और पुष्कर से विधायक सुरेश सिंह रावत भी पहुंचे. रावत को देखकर लोगों ने 'पुष्कर बचाओ' के नारे लगाए. इस विषय में रावत ने एसडीएम और नगर पालिका अध्यक्ष कमल पाठक से बातचीत की. रावत ने कहा कि कुछ लोग कॉरिडोर को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि कॉरिडोर को लेकर जो भी विकास कार्य होंगे, वे स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर ही होंगे. उन्होंने कहा कि हमारा मकसद पुष्कर तीर्थ के विकास का है. सीएम भजनलाल शर्मा दो बार पुष्कर आ चुके हैं. उनकी पुष्कर में गहरी आस्था है. अफवाहों के जरिए लोगों को भड़काया जा रहा है. लेकिन हम हमारा काम कर रहे हैं. पुष्कर के विकास में किसी को कोई नुकसान नहीं होने दिया जाएगा.
इनका कहना है: पुष्कर उपखंड अधिकारी नितिन पोद्दार ने बताया कि लोगों को चिंता है कि उनके मकान-दुकान और अन्य प्रतिष्ठानों को कोई नुकसान ना हो और कोई तोड़फोड़ ना हो. पोद्दार ने कहा कि लोगों की भावना को राज्य सरकार तक पहुंचाया जाएगा. पुष्कर के स्थानीय लोगों की भावना को प्राथमिकता देते हुए ही विकास कार्य करवाया जाएगा. कॉरिडोर को लेकर शुरुआती स्तर पर काम चल रहा है. इसमें किस तरह के विकास कार्य होने चाहिए, उसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है.
कांग्रेस ने जताया विरोध: ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की ओर से भी सीएम भजनलाल शर्मा के नाम एसडीएम को ज्ञापन दिया गया. पुष्कर ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष संजय जोशी ने बताया कि पुष्कर कॉरिडोर से संबंधित संपूर्ण जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि कॉरिडोर बनाना है, तो पुष्कर सरोवर का बनाया जाए. सरोवर में सीवेज का गंदा पानी जा रहा है, उसे रोका जाए. सरोवर में जलभराव को सुनिश्चित किया जाए. सरोवर का जल निर्मल और स्वच्छ रहे, इसकी भी व्यवस्था की जाए.