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कलेक्टर से बच्चों ने मांगी शिक्षा की भीख, जानिए क्यों सिर पर आई है बड़ी मुसीबत - private school shut down - PRIVATE SCHOOL SHUT DOWN

private school shut down धनोरा में स्थित अमरेश पब्लिक स्कूल के बंद हो जाने से केंद्र की योजना राइट टू एजुकेशन के तहत पढ़ रहे लगभग 85 बच्चों का भविष्य खतरे में है. नए सत्र की शुरुआत हो चुकी है,लेकिन इन्हें अभी तक किसी भी स्कूल में दाखिला नहीं मिला है.वहीं परिजन अपने बच्चों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर से शिक्षा की भीख मांग रहे हैं.अभिभावकों ने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि उनके बच्चों का एडमिशन जल्द से जल्द किसी स्कूल में करवा दें ताकि किसी का भविष्य खराब ना हो.

private school shut down
कलेक्टर से बच्चों ने मांगी शिक्षा की भीख (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 28, 2024, 4:06 PM IST

दुर्ग :संविधान हमें समान शिक्षा का अधिकार देता है, इसी के तहत केंद्र की नीति राइट टू एजुकेशन के तहत सभी बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ने का मौका मिल रहा है.लेकिन धड़ल्ले से बंद होते स्कूल चिंता का विषय बने हुए हैं.दुर्ग जिले के धनौरा स्थित अमरेश पब्लिक स्कूल के बंद हो जाने से 85 बच्चों का भविष्य मझधार में अटका हुआ है,आज ये सभी छोटे छोटे बच्चे दुर्ग कलेक्ट्रेट पहुंचे और दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी से अपना शिक्षा का अधिकार मांगा.

प्राइवेट स्कूल बंद होने से बढ़ी मुसीबत (ETV Bharat Chhattisgarh)

खतरे में बच्चों का भविष्य : परिजनों ने बताया कि बच्चों को जब आरटीई के तहत दाखिला मिला तब इन्होंने नया सवेरा देखा था.अच्छे स्कूल में पढ़ने का सपना पूरा हुआ था.लेकिन अब स्कूल बंद होने से बच्चों का भविष्य अंधकार में डूब चुका है.अभिभावकों ने कहा कि यदि 15 जून तक बच्चों को स्कूल में दाखिला नहीं मिला तो सभी धरने पर बैठेंगे.

बच्चों के अभिभावक हैं गरीब : इन छात्रों के अभिभावक उतना ही कमा पाते हैं जितने में जीवन चल सके.इनके पास इतने पैसे नहीं है कि महंगे स्कूल में पढ़ा सके. गरीब घर के ये बच्चे शिक्षा नीति के तहत अंग्रेजी मीडियम स्कूल में शिक्षा ले रहे थे.लेकिन स्कूल बंद होने से अब आगे की पढ़ाई कैसे होगी कोई नहीं जानता.

''जिस स्कूल में हम पढ़ रहे थे वो स्कूल अब बंद हो चुका है, अब हम कहां जाएंगे, कलेक्टर मैडम से मिले हैं जल्द एडमिशन दिलाने का आश्वासन मिला है.''- रिया,छात्रा

जिला शिक्षाधिकारी ने दिया आश्वासन :इस पूरे मामले में जिलाशिक्षाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही बच्चों का एडमिशन कराया जाएगा.

''हम प्रयास करेंगे कि स्वामी आत्मानंद में इन सभी बच्चों का एडमिशन हो जाए''- अरविंद मिश्रा, डीईओ


दुर्ग भिलाई को एक समय में एजुकेशन हब कहा जाता था, लेकिन अब शिक्षा धनी अपनी पहचान खोते जा रही है.टाउनशिप क्षेत्र में सेल की यूनिट बीएसपी दर्जनों स्कूल संचालित करती थी, लेकिन अब गिनती के स्कूल बचे हैं. सेल बड़े-बड़े दावे जरूर करती है लेकिन शिक्षा देने में शून्य है. जिले में अन्य प्राइवेट स्कूलों की बात करें तो 100 से ज्यादा स्कूल में ताले लटक रहे हैं.

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