छपरा: आज के परिवेश में हर अभिभावक यह चाहता है कि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, इसके लिए वो हर संभव प्रयास करते हैं. इसके लिए अभिभावक कुछ भी करने को तैयार रहते है वो अपने बच्चे को महंगे प्राइवेट स्कूल में अच्छी शिक्षा देने के लिए भेजना चाहते हैं. ऐसी धारणा है कि सरकारी स्कूल के मुकाबले प्राइवेट स्कूलों में ज्यादा क्रिएटिविटी के साथ पढ़ाया जाता है. छपरा का सरकारी विद्यालय इन सभी प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देता है. पढ़ाई से लेकर क्रिएटिविटी तक सभी यहां काफी बेहतर है.
प्राइवेट स्कूल को देता है मात: इस तरह के स्कूल की बात करें तो प्राइवेट स्कूल को टक्कर देने वाला यह स्कूल सारण जिले के नगरा प्रखंड के लोहा छपरा स्थित है. यह सरकारी उत्क्रमित मध्य विद्यालय प्राइवेट स्कूलों जैसी सुविधा दे रहा है. यहां के शिक्षकों के रचनात्मक कार्यों से यह विद्यालय लगातार तरक्की कर रहा है. यहां मिलने वाली गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा, संस्कार के सभी दीवाने हैं. बच्चों ने बताया कि "हमें स्कूल आना काफी पसंद है, यहां शिक्षक अच्छे से पढ़ाते हैं और यहां की दीवारे काफी जानकारी से भरी हुई है."
शिक्षा व्यवस्था से अभिभावक और बच्चे खुश: इसमें पढ़ने वाले बच्चे और उनके अभिभावक भी इस बात से खुश हैं कि उनके बच्चे जिस सरकारी विद्यालय में पढ़ते है वहां की पढ़ाई काफी अच्छी है. उन्हें पता है कि उनके बच्चें यहां अच्छी शिक्षा प्राप्त कर जीवन में कुछ अच्छा करेंगे. इस स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि आज की शिक्षा व्यवस्था की बात की जाए तो बिहार सरकार उत्तम एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.