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बगोदर में बेकार साबित हो रहा 'आदिम जनजाति बिरहोर छात्रावास', 8 साल से नहीं हुआ उद्घाटन - Primitive Tribe Birhor Hostel

Primitive Tribe Birhor Hostel in Bagodar. बगोदर प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाके में करोड़ों की लागत से बना आदिम जनजाति बिरहोर छात्रावास बेकार साबित हो रहा है. लगभग आठ साल पहले बनकर तैयार छात्रावास का अब तक उद्घाटन नहीं हो पाया है, जिससे छात्रावास निर्माण के उद्देश्य पर सवाल उठ रहे हैं.

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आदिम जनजाति बिरहोर छात्रावास की तस्वीर (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 22, 2024, 4:14 PM IST

गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाके में करोड़ों की लागत से बना आदिम जनजाति बिरहोर छात्रावास बेकार साबित हो रहा है. इसे बने हुए लगभग आठ साल बीत चुके हैं, लेकिन अब तक छात्रावास का उद्घाटन नहीं हो पाया है. इससे छात्रावास निर्माण के उद्देश्य पर सवाल उठ रहे हैं. इधर, स्थानीय लोगों के द्वारा छात्रावास का उद्घाटन किए जाने की मांग की जा रही है. इन सब बीच सबसे बड़ी बात यह है कि छात्रावास को बगोदर- विष्णुगढ़ प्रखंड के सीमा उदालबेड़ा में बनाया गया है, जहां आसपास के 15-20 किमी दूरी तक आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय की आबादी नहीं है.

जानकारी देते संवाददाता धरमेंद्र पाठक (ईटीवी भारत)

छात्रावास का निर्माण लगभग 8 साल पहले ही हुआ था, लेकिन अब तक इसका उद्घाटन भी नहीं हो पाया है. ऐसे में भवन निर्माण का उद्देश्य भी बेकार साबित हो रहा है. इतना ही नहीं निर्माण कार्य भी धीरे-धीरे टूटता जा रहा है. भवन के खिड़की-दरवाजे भी टूट रहे हैं. भवन के दीवारों पर चढ़ें रंग भी मिटता जा रहा है. मेन गेट का कोई पता नहीं है.

भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष आशीष कुमार उर्फ बॉर्डर ने इस मामले को गंभीर बताया है. उन्होंने मामले में जन प्रतिनिधियों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जिसके लिए छात्रावास का निर्माण हुआ है उस समुदाय की आबादी आसपास तक नहीं है. ऐसे में यहां छात्रावास कैसे बना दिया गया. जब छात्रवास बन रहा था तो उस समय स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने विरोध क्यों नहीं किया. यदि छात्रावास बन भी गया तो आज तक इसे अस्तित्व में लाने के लिए जन प्रतिनिधियों ने गंभीरता क्यों नहीं दिखाई. उन्होंने कहा कि आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय के लोगों के साथ यह भद्दा मजाक है. उनके नाम पर करोड़ों की लागत से योजना आयी और उन्हें अब तक इसका लाभ नहीं मिल रहा है. उन्होंने पूरे मामले की जांच और छात्रावास का संचालन किए जाने की मांग की है.

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