पटना:बिहार में महिला वोटरों की तादाद अच्छी खासी है. राज्य के अंदर 3 करोड़ 60 लाख 22 हजार महिला मतदाता हैं. महिला वोटरों को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी महिलाओं को तवज्जो दे रही है और महिलाओं की भागीदारी ही सुनिश्चित की जा रही है. पहले अति पिछड़ा समुदाय से आने वाली महिला नेता धर्मशिला गुप्ता को राज्यसभा भेजा और उसके बाद पटेल समुदाय से आने वाली महिला अनामिका सिंह पटेल को विधान परिषद भेजा. तीन सीट में एक सीट महिला के खाते में गई.
महिला आरक्षण को लेकर बिहार बीजेपी की रणनीति:33% हिस्सेदारी महिलाओं को बीजेपी संगठन और सरकार में दे रही है. इससे पहले बीजेपी ने निवेदिता सिंह को विधान परिषद भेजा था. महिलाओं में भी बीजेपी की नजर पिछड़ा और अति पिछड़ा वोट बैंक पर है. पिछड़ा और अति पिछड़ा समुदाय से आने वाली महिला को ही बीजेपी हिस्सेदारी दे रही है. बिहार में पिछड़ा 27 % और अति पिछड़ा आबादी 36% के आसपास है. कुल मिलाकर 8 करोड़ 20 लाख से ज्यादा आबादी पिछड़ों और अति पिछड़ों की है.
"तकनीकी कारण से आरक्षण लागू होने में विलंब है लेकिन मेरी पार्टी ने आरक्षण के फार्मूले को लागू कर रखा है, इसके लिए पीएम मोदी साधुवाद के पात्र हैं."-अनामिका सिंह पटेल, एमएलसी कैंडिडेट, बीजेपी
'आधी आबाद को मोदी पर भरोसा':भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष पिंकी कुशवाहा ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत सारे काम किए हैं. महिलाओं को भागीदारी भी दी जा रही है. नरेंद्र मोदी ने आरक्षण के फार्मूले को लागू कर दिखा दिया कि बीजेपी की कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है.
"नरेंद्र मोदी महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कृत संकल्पित हैं. महिलाएं भी नरेंद्र मोदी के लिए तैयार हैं. 2024 और 2025 के चुनाव में महिलाओं का साथ नरेंद्र मोदी को मिलेगा."- अर्चना ठाकुर, नेता, बीजेपी