आदित्या यादव को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित. गोरखपुर :रामनगरी में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दिन देश खुशी से झूम रहा था. इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोरखपुर की बैडमिंटन खिलाड़ी आदित्या यादव को पीएम बाल पुरस्कार से सम्मानित किया. इससे शहर के लोगों की खुशी दोगुनी हो गई. बैडमिंटन में अंतरराष्ट्रीय चैंपियन बनने की ओर अग्रसर आदित्य को दिल्ली के विज्ञान भवन में यह सम्मान मिला. आदित्या ने डेफ विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए मेडल जीता था.
मूक बधिर होने के बावजूद हासिल की बड़ी उपलब्धि :मूक बधिर होने के बावजूद छोटी सी उम्र में बैडमिंटन में सनसनी बनकर उभरी गोरखपुर की बेटी आदित्य यादव का चयन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया गया. इसका विधिवत पत्र भी उसे मेल के जरिए प्राप्त हुआ था. बैडमिंटन के क्षेत्र में 14 वर्ष की उम्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने, कई गोल्ड और रजत मेडल हासिल करने का परिणाम उसके चयन का आधार बना. आदित्या डेफ विश्व (मूक बधिर खिलाड़ियों का ओलम्पिक) चैम्पियनशिप में भारतीय टीम का हिस्सा रहीं हैं. उन्होंने युगल मैंच में गोल्ड और व्यक्तिगत खेल में सिलवर मेडल जीतकर भारत का मान बढ़ाया था.
पिता भी हैं बैडमिंटन खिलाड़ी :आदित्या के पिता भी बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. उनका नाम दिग्विजय नाथ यादव है. वह पूर्वोत्तर रेलवे में बतौर बैडमिंटन कोच के रूप में कार्यरत हैं. आदित्य के कोच की भूमिका भी उनके पिता ही निभाते हैं. उनके कुशल मार्गदर्शन में उसने छोटी उम्र में बड़े मिसाल कायम की. राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के रूप में उसे ₹100000 नकद, प्रशस्ति पत्र, प्रमाण पत्र प्रदान किया गया. आदित्या 23 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड के होने वाले फुल ड्रेस रिहर्सल कार्यक्रम में भी शामिल होंगी. पीएम मोदी भी आज बार पुरस्कार बच्चों से मिलेंगे. इसमें आदित्य यादव शामिल होगी. वह गणतंत्र दिवस समारोह का भी हिस्सा बनेगी. ईटीवी भारत से बातचीत में उसके पिता ने कहा कि यह उनके परिवार के लिए बहुत बड़ी खुशी का पल है. एक दिन आदित्या न सिर्फ डेफ बल्कि सामान्य खिलाड़ियों के बैडमिंटन प्रतियोगिता में भारत को विश्व चैम्पियन का खिताब दिलाएगी. इसके पहले आदित्या को साइना नेहवाल, प्रकाश पादुकोण सभी की सराहना मिल चुकी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उसे सम्मानित कर चुके हैं.
आदित्या की सफलता पर पूर्वोत्तर रेलवे क्रीड़ा संघ के पदाधिकारियों ने भी खुशी जाहिर की है. आदित्य 5 वर्ष की उम्र से बैडमिंटन के खेल में उतर गई थी. बोलने-सुनने की क्षमता खोने के बाद उसे इसकी कोई परवाह नहीं की. जापान, मलेशिया, दुबई ,मुंबई तमाम जगहों पर इसने अपने प्रदर्शन का लोहा मनवाया है.
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