पलामू: झारखंड के जमशेदपुर में बरामद तेंदुआ के खाल को चीन भेजा जाना था. चीन में वन्य जीवों के कारोबार पर रोक नहीं है. पहले यह खाल कोलकाता के तस्करों को उपलब्ध करवाया जाना था उसके बाद म्यांमार के रास्ते चीन जाने वाला था. 15 अगस्त को जमशेदपुर में वन विभाग की एक टीम ने तेंदुआ का खाल बरामद किया था.
खाल के साथ तस्करों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार तस्करों की निशानदेही पर पलामू के चैनपुर के रहने वाले विजय कुमार राम और हुसैनाबाद के रामकुमार राम को गिरफ्तार किया है. दोनों तस्करी के गिरोह से जुड़े हुए थे और नेटवर्क का बड़ा हिस्सा है. दोनों ने पूछताछ के दौरान वन विभाग को कई जानकारी दी है.
भंडरिया के इलाके से जुड़ा है तेंदुआ के खाल का तार
तस्करों ने वन विभाग के अधिकारियों को बताया है कि गढ़वा के भंडरिया के इलाके के एक व्यक्ति की तेंदुआ के खाल उपलब्ध करवाने में भूमिका है. वही खाल उपलब्ध करवाने में मास्टर माइंड है. वन विभाग की टीम भंडरिया के व्यक्ति की बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहा है और तस्करों के बयान को एक दूसरे से मिलान कर रही है. भंडरिया का कुछ इलाका पीटीआर में है जबकि कुछ इलाका पीटीआर से बाहर है.
पांच वर्ष पुराना है खाल, डीएनए जांच करवाएगी विभाग
गिरफ्तार विजय कुमार राम और रामकुमार राम में वन विभाग को बताया है कि तेंदुआ का खाल पांच वर्ष पुराना है. दोनों को यह जानकारी नहीं है कि तेंदुआ का खाल किस इलाके का है और शिकार कैसे किया गया था. वन विभाग की टीम तेंदुआ के खाल का डीएनए जांच करवाएगी ताकि यह पता लग सके कि कितना पुराना है. वन विभाग की टीम तेंदुआ के खाल को जांच के लिए हैदराबाद स्थित लैबोरेट्री को भेजेगी.
"चीन वन्यजीवों का तस्करी का एक बड़ा मार्केट है, आशंका है कि तेंदुआ के खाल को चीन के इलाके में भेजा जाना था. तस्करों से पूछताछ की गई है और कई जानकारी मिली है जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है. तेंदुआ के खाल की उम्र पता करने के लिए हैदराबाद विशेष लैबोरेट्री में सैंपल भेजा जा रहा है. तस्करों के बयान आपस में मिलान किया जा रहा है. भंडारिया के एक व्यक्ति की भूमिका निकल कर सामने आई है."- प्रजेश जेना , उपनिदेशक, पीटीआर
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