पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच काफी गहरी दोस्ती थी. नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को एक तरीके से अपना उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया था. प्रशांत किशोर की हैसियत जदयू में नंबर दो की हो गई थी. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए थे, जल्द ही दोस्ती में दरार आ गई और प्रशांत किशोर ने अपनी राहें अलग कर ली. तब इस बात की काफी चर्चा चली थी कि आखिर प्रशांत किशोर ने क्यों नीतीश का साथ छोड़ा.?
नीतीश सरकार को कौन चला रहाः प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर को दल का गठन करने जा रहे हैं. उससे पहले मीडिया से बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने बताया कि ''नीतीश कुमार के साथ मैं क्यों आया था. और वह कौन से मुद्दे थे जिसके चलते उन्होंने नीतीश कुमार का साथ छोड़ा.'' नीतीश कुमार को लेकर प्रशांत किशोर ने कई खुलासे किये. प्रशांत किशोर ने कहा कि ''नीतीश कुमार कुछ अवकाश प्राप्त अधिकारियों के कठपुतली बन गए थे. बिहार की 13 करोड़ जनता आज कराह रही है. चार अवकाश प्राप्त अधिकारी सरकार चला रहे हैं. नेता, मंत्री और विधायक किसी की नहीं चलती है.''
नीतीश कुमार सत्ता लोलुप हो गएः प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं जिस नीतीश कुमार के साथ आया था, उनकी पहचान सुशासन थी. गैसल ट्रेन टक्कर के बाद रेल मंत्री के तौर पर जिस शख्स ने इस्तीफा दिया और लोकसभा चुनाव में दो सीट आने पर एक दलित को मुख्यमंत्री बना दिया था, उस नीतीश कुमार के साथ हम आए थे. प्रशांत किशोर ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद नीतीश कुमार ने मुझे चार बार फोन किया था. मैंने उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनने का सुझाव दिया था. लेकिन, 43 विधायक आने के बाद भी वह मुख्यमंत्री बन गए.