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'रामगढ़ उपचुनाव लड़ेगा जन सुराज', जमीन सर्वे पर PK बोले- अगले 6 महीने में मालिकाना हक के लिए झगड़े होंगे - Prashant Kishor

Ramgarh By Election : प्रशांत किशोर अब चुनावी मैदान में खुलकर दो-दो हाथ करने को तैयार हैं. कैमूर में उन्होंने ऐलान किया कि 2 अक्टूबर को जन सुराज के दल की स्थापना होगी. अगर लोगों ने राय बनायी तो हमलोज जरूर रामगढ़ उपचुनाव लड़ेंगे और जीतक दिखाएंगे. पढ़ें पूरी खबर.

प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 3, 2024, 5:19 PM IST

प्रशांत किशोर (ETV Bharat)

कैमूर : जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर उपचुनाव में भाग्य आजमाने के लिए तैयार हैं. इसी सिलसिले में वह कैमूर के भभुआ पहुंचे. भभुआ में प्रत्याशी को लेकर प्रशांत किशोर ने लोगों से चर्चा की और आगे की रणनीति पर विमर्श किया. साथ ही उपचुनाव में दो-दो हाथ करने का ऐलान भी कर दिया.

''आगामी रामगढ़ उपचुनाव में जन सुराज का उम्मीदवार उतरेगा और निश्चित तौर पर जीतेगा भी. कैमूर की ज्यादातर सीटों पर अब तक कुछ ही परिवार के लोग चुनाव लड़ते और जीतते आए हैं. अबकी बार चुनाव में प्रशांत किशोर खुद आकर जन सुराज के उम्मीदवार के लिए रणनीति बनाएंगे और उसको जीताकर विधानसभा भेजेंगे. अब रामगढ़ की जनता किसी नेता के बेटे के लिए नहीं बल्कि अपने बच्चों के लिए वोट करेंगे.''-प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान प्रशांत किशोर. (ETV Bharat)

जमीन सर्वे पर नीतीश सरकार को घेरा : पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने नीतीश और तेजस्वी दोनों पर तीखा प्रहार किया. प्रशांत किशोर ने बिहार में चल रहे जमीन के सर्वे पर बोलते हुए कहा कि जिस तरह से इसको लागू किया जा रहा है, उससे अगले 6 महीने में हर घर, हर गांव-पंचायत में जमीन के मालिकाना हक के लिए झगड़े होंगे.

पहले भी बिना तैयारी उतरी है नीतीश सरकार : पीके ने कहा कि इस सर्वेक्षण को बिना किसी तरह की तैयारी और संसाधन की व्यवस्था किए शुरू किया गया है. यह ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि कुछ दिन पहले बिहार में जमीन रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन किया गया, जो की बिना किसी तैयारी के बाहरी एजेंसी के द्वारा करा दिया गया. जिसमें यह तय हुआ कि जो ज्यादा डिजिटाइजेशन करेगा, उसे उतना ही ज्यादा पैसा मिलेगा.

झगड़े का कारण बनेगा यह सर्वे : प्रशांत किशोर ने कहा कि, इसी के चलते हड़बड़ी में किसी की जमीन किसी के भाई के नाम और भाई की जमीन भतीजे के नाम पर कर दी गयी. जिससे गांवों के स्तर पर कोहराम मच गया. इसलिए फिर से हड़बड़ी में बिना किसी तैयारी के जमीन सर्वे लाया गया, जो कि आने वाले समय में जमीन से संबंधित झगड़ों का सबसे बड़ा कारण बनेगा.

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