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इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाले की हो एसआईटी जांच, चंदे के नाम पर लूट की दी गई खुली छूट: प्रशांत भूषण - Prashant Bhushan calls for SIT - PRASHANT BHUSHAN CALLS FOR SIT

जिला कुल्लू के मुख्यालय सरवरी पहुंचे प्रशांत भूषण ने कहा कि देश में इलेक्टोरल बॉन्ड के घोटाले के लिए एसआईटी का गठन करके इसकी जांच की जानी चाहिए. बॉन्ड के नाम पर कुछ कंपनियों को लूट की भी छूट दी गई. जांच के माध्यम से इस पूरा घोटाले का खुलासा जनता के सामने आएगा. इस बारे में उन्होंने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. जिन कंपनियों ने भाजपा को पैसा नहीं दिया, उन पर ईडी सहित कई अन्य जांच बैठाई गई.

Prashant Bhushan
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत भूषण (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 23, 2024, 3:33 PM IST

Updated : May 23, 2024, 4:49 PM IST

प्रशांत भूषण (ईटीवी भारत)

शिमला: सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक बड़े फैसले में इलेक्टोरल बॉन्ड को अवैध और असंवैधानिक बताकर रोक लगा दी थी. ये मामला सुप्रीम कोर्ट में आठ साल से ज़्यादा वक़्त से लंबित था. इलेक्टोरल बॉन्ड्स की जानकारी सामने आने के बाद से विपक्षी पार्टियों ने इसे लकर केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. कुल्लू पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने एक बार फिर इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर बीजेपी को घेरा है.

जिला कुल्लू के मुख्यालय सरवरी पहुंचे प्रशांत भूषण ने कहा कि देश में इलेक्टोरल बॉन्ड के घोटाले के लिए एसआईटी का गठन करके इसकी जांच की जानी चाहिए. बॉन्ड के नाम पर कुछ कंपनियों को लूट की भी छूट दी गई. जांच के माध्यम से इस पूरा घोटाले का खुलासा जनता के सामने आएगा. इस बारे में उन्होंने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और जुलाई माह में उस पर सुनवाई होना बाकी है. इलेक्टोरल बॉन्ड से अब पूरी दुनिया को पता चल गया है कि सबसे ज्यादा पैसा भाजपा को मिला है, जिन कंपनियों ने भाजपा को पैसा नहीं दिया, उन पर ईडी सहित कई अन्य जांच बैठाई गई.

प्रशांत भूषण ने कहा कि जिन कंपनियों ने बॉन्ड के माध्यम से भाजपा को चंदा दिया. उन्हें सरकार की ओर से खुली छूट दी गई और उन्होंने इस खुली छूट का फायदा उठाते हुए अपने लूट को जारी रखा. ऐसे में इस विषय को लेकर पूरे देश में कई तरह की बातें हुई, लेकिन बॉन्ड के माध्यम से जो घोटाले हुए इसकी निष्पक्ष जांच होना भी काफी जरूरी है.

बता दें कि मार्च 2024 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी उपलब्ध करा दी थी. निर्वाचन आयोग ने इस डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया था. इस डेटा के मुताबिक इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये बीजेपी को सबसे अधिक चंदा मिला था. इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सभी को यह जानने का पूरा हक है कि राजनीतिक पार्टियों को कहां से चंदा ले रही हैं. सुप्रीम कोर्ट न भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड का डाटा सार्वजनिक करने और चुनाव आयोग को देने का निर्देश दिया था.

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Last Updated : May 23, 2024, 4:49 PM IST

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