रायपुर : प्रदोष व्रत सभी महीने की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है. इसमें भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत से जातक को भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है. इससे जातक को जीवन की सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है और उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
इस दिन है सावन माह का प्रदोष व्रत : इस साल सावन के प्रदोष व्रत को लेकर लोगों में काफी कंफ्यूजन बना हुआ है कि प्रदोष व्रत 1 अगस्त को मनाया जाएगा या फिर 2 अगस्त को. इस साल सावन माह की त्रयोदशी 1 अगस्त गुरुवार के दिन पड़ रही है. इसी वजह से 1 अगस्त को ही सावन का प्रदोष व्रत रखा जाएगा. गुरुवार के दिन त्रयोदशी पड़ने की वजह से इसे गुरु प्रदोष व्रत भी कहा जाता है.
तिथि को लेकर कंफ्यूजन की वजह : महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया, "श्रावण महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के ठीक 2 दिन बाद त्रयोदशी (तेरहवें दिन) प्रदोष व्रत रखा जाता है. कई बार प्रदोष व्रत एकादशी तिथि के दूसरे दिन या फिर तीसरे दिन पड़ता है या फिर जिस रात्रि को त्रयोदशी तिथि पड़ती है, उस दिन प्रदोष का व्रत मनाया जाता है. इसी वजह से लोगों के मन में प्रदोष व्रत की तिथि को लेकर असमंजस रहती है. इस बार प्रदोष व्रत 1 अगस्त गुरुवार के दिन पड़ रहा है."
"व्रत पूजा करने वाले या फिर जातक 1 अगस्त को प्रदोष का व्रत रखेंगे. प्रदोष का व्रत भगवान शंकर के लिए समर्पित माना गया है. आज के दिन व्रती भगवान शिव की पूरे विधि विधान से पूजा आराधना करते हैं. श्रवण के महीने में प्रदोष का अपना अलग ही एक महत्व है. प्रदोष व्रत के दिन जातक रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, शिव अभिषेक जैसे कई तरह से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं." - पंडित मनोज शुक्ला, महामाया मंदिर, रायपुर