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68वीं प्रादेशिक एथलेटिक्स प्रतियोगिता का शुभारंभ; वाराणसी में स्टेडियम में मिले शक्तिवर्धक इंजेक्शन

power injection in stadium : एथलेटिक्स प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए 200 से ज्यादा खिलाड़ी आए हैं.

68वीं प्रादेशिक एथलेटिक्स प्रतियोगिता का शुभारंभ
68वीं प्रादेशिक एथलेटिक्स प्रतियोगिता का शुभारंभ (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 5, 2024, 9:16 AM IST

वाराणसी :लालपुर स्थित भीमराव अंबेडकर स्टेडियम में सोमवार से शुरू हुई 68वीं प्रादेशिक एथलेटिक्स प्रतियोगिता के पहले ही दिन शुभारंभ पर एक वायरल वीडियो ने हड़कंप मचा दिया है. लगभग 200 से ज्यादा खिलाड़ियों के साथ यहां पर 8 नवंबर तक प्रादेशिक एथलीट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. इसके पहले ही दिन यहां के बाथरूम में शक्तिवर्धक इंजेक्शन और सिरिंज और अन्य दवाइयां के खाली रैपर मिले हैं, जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. जिसके सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. माना जा रहा है कि डोपिंग के साथ बच्चे शक्तिवर्धक इंजेक्शन और सिरिंज के जरिए अपनी ताकत बढ़ाकर प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहे हैं.

वायरल वीडियो (Video credit: social media)

फिलहाल इस मामले के सामने आने के बाद अब संयुक्त शिक्षा निदेशक रामशरण सिंह ने इस पर कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि मेरे संज्ञान में मामला आपके द्वारा लाया गया है और इस संदर्भ में वीडियो को भी मैंने देखा है, इस पर उचित कार्रवाई और डोपिंग की सुविधा के लिए व्यवस्था करते हुए जो भी दोषी हैं उन पर एक्शन होगा. दरअसल, वाराणसी में 68वीं प्रादेशिक एथलीट प्रतियोगिता का आयोजन आज से शुरू हुआ है जो 8 नवंबर तक चलेगा. इस प्रतियोगिता का शुभारंभ आज ही उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दयाशंकर मिश्र दयाल ने किया है. कार्यक्रम के कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें यहां के शौचालय के अंदर शक्तिवर्धक इंजेक्शन सिरिंज और दवाओं के खाली रैपर मिले हैं. स्टेडियम में शुरू हुई इस प्रतियोगिता में लगभग 200 से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं.

इस बारे में संयुक्त शिक्षा निदेशक रामशरण सिंह का कहना है कि वह शाम को देर तक स्टेडियम में थे. इस संदर्भ में उन्हें जानकारी कुछ वीडियो के जरिए मिली है और यह बहुत ही चिंता का विषय है. किसी भी खिलाड़ी ने यदि शक्ति वर्धक दवाओं का इस्तेमाल करके पार्टिसिपेट किया है तो उसके लिए जांच की जाएगी. यदि डोपिंग जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात करके इसकी जांच करवाई जाएगी और जैसे भी संभव होगा उसकी सैंपलिंग करके जो भी बच्चे इसमें दोषी हैं उन पर तो कार्रवाई होगी. सबसे पहले कार्रवाई उनके मैनेजर और कोच पर की जाएगी, क्योंकि सबसे पहली जिम्मेदारी उनकी है और बिना उनकी जानकारी के बच्चे ऐसा नहीं कर सकते. यह अपने आप में काफी गंभीर मामला है और डोप टेस्ट के साथ ही जो भी बजट के अनुसार चीजों उपलब्ध होंगी उसी हिसाब से एक्शन होगा. फिलहाल यह वायरल वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

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