नई दिल्ली:दिल्ली एनसीआर में हवा में घुल रहा प्रदूषण का जहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. मौजूदा समय में दिल्ली एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 'खराब श्रेणी' में बरकरार है, इस तरह दिल्ली एनसीआर की हवा सांस लेने लायक नहीं है. करीब दो हफ्ते से प्रदूषण ने नई दिल्ली एनसीआर को जकड़ रखा है. अगले 72 घंटे दिल्ली एनसीआर के लिए भारी है. 30 अक्टूबर को छोटी दीवाली और 31 अक्टूबर को दिवाली का त्यौहार है. भले ही दिल्ली एनसीआर में पटाखों के जलाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन अभी से दिल्ली एनसीआर में पटाखे फूटने शुरू हो गए हैं. बताया जा रहा है कि अगले 72 घंटे में दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर (AQI) 400 पार पहुंच सकता है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने चेताया
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के हालात ठीक नहीं है. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 272 दर्ज किया गया है. गाजियाबाद का 226, ग्रेटर नोएडा का 218, और नोएडा का 217 है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर के सभी इलाकों का प्रदूषण स्तर 'खराब श्रेणी' में बना हुआ है. दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने के पीछे प्रमुख कारण हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खेतों में जल रही पराली, औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला धुआं, वाहनों से होने वाला प्रदूषण और हवा की सुस्त रफ्तार है.
अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी
मंगलवार सुबह दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में हल्की धुंध की चादर दिखाई दी है. दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के लेवल में हुए इजाफे के बाद अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि नवंबर के पहले हफ्ते में हवा की रफ्तार और सुस्त होने की संभावना है. हवा की रफ्तार सुस्त होने से एयर क्वालिटी इंडेक्स में इजाफा हो सकता है.
दिल्ली और एनसीआर के कुछ इलाकों मे AQI लेवल