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Delhi: दिल्लीवालों को बीमार होने का डर! प्रदूषित हवा और यमुना के गंदे पानी से सेहत पर 'डबल अटैक'

यमुना नदी का प्रदूषण जहरीली स्तर तक पहुंचा. यमुना में जाने से हो सकती हैं बीमारियां.

Pollution experts say Yamuna water is highly polluted
प्रदूषण एक्सपर्ट का कहना अत्यधिक प्रदूषित है यमुना का जल (IANS)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 4 hours ago

Updated : 35 minutes ago

नई दिल्ली/नोएडा:यमुना नदी किस हद तक प्रदूषित है. तस्वीरें देखकर साफ पता चल रहा है. दिल्ली में सफेद झाग से यमुना पूरी तरह से ढकी दिख रही है. तमाम तरह का कचरा और केमिकल मिक्स यह झाग लोगों को बीमार कर सकता है. दरअसल, चिंता इसलिए और बढ़ गई है कि छठ पूजा पर यहां महिलाएं डुबकी लगा रही हैं. यह बीमारी को बुलावा देने से कम नहीं है.

यमुना नदी का प्रदूषण किस स्तर तक पहुंच गया है, इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने ओखला के पास यमुना नदी का जल प्रदूषण को मापने के लिए प्रदूषण एक्सपर्ट विजय प्रताप दुबे से बात की. उन्होंने बताया कि नॉर्मल नहाने का पानी 300 डिग्री पर साफ माना जाता है, जिससे लोग नहाने में प्रयोग करते हैं. वहीं, यमुना का जल साढ़े 6 सौ डिग्री से अधिक लेवल पर है, जो किसी भी रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता. यमुना नदी में नहाने और उसका प्रयोग करने से तमाम तरह की बीमारियां हो सकती हैं. उन्होंने बताया कि छठ के दौरान जिन लोगों द्वारा यमुना में स्नान किया जाएगा, उन्हें स्किन संबंधी तमाम बीमारियां हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि यमुना का जल इस हद तक परदूषित है कि इसमें जाने से भी बीमारियां हो सकती हैं.

यमुना नदी का प्रदूषण जहरीली स्तर तक पहुंचा. यमुना में जाने से हो सकती हैं बीमारियां. (ETV Bharat)

सफेद झाग वाला जहर तैर रहा है
गुरुवार को जहां लोग छठ पर्व की शुरुआत डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर शुरू करेंगे. वहीं नोएडा के ओखला बैराज के पास बहने वाली यमुना नदी का पानी प्रदूषित होने के साथ ही भारी मात्रा में सफेद झाग पानियों पर तैर रहा है. यमुना नदी में फैले प्रदूषण के संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने जल प्रदूषण एक्सपर्ट विजय प्रताप दुबे से बात की तो उन्होंने बताया कि जल प्रदूषण को मापने वाली मशीन के आधार पर माने तो यमुना नदी का जल अत्यधिक प्रदूषित है, जो वर्तमान समय में साढ़े 6 सौ डिग्री पर पहुंच चुका है.

उन्होंने बताया कि 140 डिग्री का पानी पीने योग्य होता है. वही नहाने का पानी साढे 300 के करीब मापा जाता है, जबकि यमुना नदी का जल वर्तमान समय में साढ़े 6 सौ डिग्री को पार कर रहा है, जो अपने आप में एक चिंताजनक और लोगों के जीवन के लिए घातक भी है. उन्होंने बताया कि छठ पर्व के दौरान लोग डूबते सूर्य और उगते हुए सूर्य को यमुना नदी में खड़े होकर अर्क देने का काम करेंगे, और इस दौरान उनके शरीर में यमुना का प्रदूषित पानी लगेगा, जो कि शरीर के लिए काफी घातक साबित होगा.

प्रदूषण एक्सपर्ट का कहना अत्यधिक प्रदूषित है यमुना का जल (ETV Bharat IANS)

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यमुना के तीन बैराज खोले गए
ओखला बैराज के पास बहने वाली यमुना नदी के पुल के नीचे बने हुए बैराज को सिंचाई विभाग द्वारा प्रदुषण को लेकर बंद किया गया था, जिसके चलते नोएडा की तरफ यमुना नदी का जलस्तर कम हुआ, पर छठ पर्व को देखते हुए यमुना नदी में पानी की कमी ना हो, इसे ध्यान में रखते हुए तीन बैराज को खोला गया, जिसमें दो बैराज आज एक साथ खोले गए और एक बाद में. सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अत्यधिक पानी आने से यमुना में दिखने वाली जाग को आगे बढ़ाया जा सकता है, ताकि लोग आसानी से घाट के किनारे छठ का पर्व मना सके.

जल प्रदूषण को मापने वाली मशीन के आधार पर माने तो यमुना नदी का जल अत्यधिक प्रदूषित है (ETV Bharat)
जल प्रदूषण को मापने वाली मशीन के आधार पर माने तो यमुना नदी का जल अत्यधिक प्रदूषित है (ETV Bharat)

दिल्ली एनसीआर गैस चैंबर में तब्दील
वहीं, दूसरी ओर दिल्ली एनसीआर आज गैस चैंबर में तब्दील हो गया है. एयर क्वालिटी इंडेक्स ने आज नया कीर्तिमान स्थापित किया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों की मानें तो दिल्ली एनसीआर की हवा में सांस लेने से पहले से विभिन्न बीमारियों से ग्रसित लोगों के साथ-साथ स्वस्थ लोगों पर भी हानिकारक असर पड़ रहा है. कई इलाकों में तो एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच चुका है. लोगों को सांस लेने में परेशानी के साथ-साथ आंखों में जलन का एहसास हो रहा है. एक्सपर्ट्स का मानना है आने वाले दिनों में दिल्ली एनसीआर की हवा और प्रदूषित हो सकती है.

यमुना में जाने से हो सकती हैं बीमारियां. (ETV Bharat)

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने क्या कहा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में सबसे प्रदूषण शहर दिल्ली है. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 367 है. दिल्ली के आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, जहांगीरपुरी, मुंडका, रोहिणी, विवेक विहार, सोनिया विहार, और वजीरपुर में प्रदूषण के हालात सबसे ज्यादा खराब है. दिल्ली एनसीआर में यह सबसे ज्यादा प्रदूषित इलाके हैं. यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 पार कर चुका है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक एयर क्वालिटी इंडेक्स के 400 पार करने पर पहले से विभिन्न बीमारियों से ग्रसित लोगों के साथ-साथ स्वस्थ लोगों को भी स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं होने की संभावना बनी रहती है.

छठ पर्व, प्रदुषित हुआ यमुना जल (ETV Bharat)

स्कूलों में क्या कुछ दिन की छुट्टी होगी?
माना जा रहा है कि अगर दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का लेवल और बढ़ता है तो पिछले साल की तरह इस साल भी दिल्ली एनसीआर में स्कूलों में कुछ दिन की छुट्टी की जा सकती है. हालांकि, अभी ठंड की पूरी तरह से शुरुआत नहीं हुई है. मौसम बदलने के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स के और खराब होने की संभावना बनी हुई है. दिल्ली एनसीआर का कोई भी इलाका ऐसा नहीं है जहां पर लोगों को सांस लेने के लिए साफ हवा मिल सके. हर तरफ हवा में प्रदूषण का जहर मौजूद है. हालात गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच ठीक नहीं है.

आंकड़े क्या कहते हैं
आंकड़े बता रहे हैं की दिवाली के बाद से दिल्ली एनसीआर के एयर क्वालिटी इंडेक्स में लगातार इजाफा हो रहा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश पंजाब और हरियाणा में जल रही परली वाहनों से निकलने वाला धुआं और औद्योगिक इकाइयों से निकल रहा धुआं प्रदूषण का मुख्य कारण बताया जा रहा है. हालांकि अधिकारियों का मानना है कि अगर हवा की रफ्तार तेज होती है तो प्रदूषण के कम होने की संभावना है.



  • दिल्ली: 367

    अलीपुर: 388

    आनंद विहार: 426

    अशोक विहार: 417

    आया नगर: 358

    बवाना: 415

    बुराड़ी क्रॉसिंग: 380

    डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज: 390

    आईजीआई एयरपोर्ट: 362

    आईटीओ दिल्ली: 369

    जहांगीरपुरी: 425

    मंदिर मार्ग: 371

    मुंडका: 415

    नेहरू नगर: 398

    नॉर्थ कैंपस: 371

    पटपड़गंज: 398

    पंजाबी बाग: 392

    पूसा: 351

    आरके पुरम: 380

    रोहिणी: 406

    शादीपुर: 385

    सीरी फोर्ट: 366

    सोनिया विहार: 400

    विवेक विहार: 411

    वजीरपुर: 426

    गाजियाबाद: 308

    इंदिरापुरम: 245

    लोनी: 393

    संजय नगर: 258

    वसुंधरा: 337

    नोएडा: 276

    सेक्टर 125: 248

    सेक्टर 62: 310

    सेक्टर 1: 221

    सेक्टर 116: 324

    ग्रेटर नोएडा: 278

    नॉलेज पार्क 3: 305

    नॉलेज पार्क 5: 252


एयर क्वॉलिटी इंडेक्स कितनी खराब है क्या है पहचान
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को गंभीर और 500 से ऊपर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं.

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