चंडीगढ़: 1 अप्रैल 2024 से चंडीगढ़ में पानी के दाम 5% बढ़ाए गए हैं. मेयर कुलदीप कुमार ने गृह सचिव नितिन यादव को पत्र लिख कर इसे तुरंत रोकने की मांग की है. वहीं, चुनावी साल होने की वजह से पानी के बढ़ाए गए दाम पर जमकर राजनीति हो रही है. हालांकि पानी के दाम बढ़ाए जा चुके हैं, क्योंकि यह पहले से ही अप्रूव है और नोटिफिकेशन भी जारी हो चुकी है.
चंडीगढ़ में पानी के दाम पर सियासत: चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों ने वाटर टैक्स में 5% की बढ़ोतरी की घोषणा की. इसके अलावा, वेतन वृद्धि और संपर्क सेवा की 10% बढ़ोतरी जैसी कई अन्य योजनाओं की समय सीमा समाप्त हो गई. इसके अलावा पानी के बिल शुल्क के तहत सीवरेज उपकर लगाया गया है, जिससे कीमत और बढ़ गई. इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा. वहीं, भाजपा जहां इस फैसले को सही बता रही है. वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी द्वारा जमकर इस फैसले का विरोध किया गया है. इस फैसले को लेकर शहर के लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आईं हैं.
हर साल 1 अप्रैल को पान का दाम में बढ़ोतरी: चंडीगढ़ प्रशासन ने 30 मार्च 2022 को वाटर बाय लॉज में संशोधन किया था. जिसके चलते हर साल पानी की दरों में 5 से 10% की बढ़ोतरी होनी है. ऐसे में 31 से 60 किलो लीटर और 60 किलो लीटर से ज्यादा पानी के इस्तेमाल की कैटेगरी में दम कम किए गए थे, लेकिन साथ ही हर साल तीन फीसदी दाम बढ़ाने की शर्त को बढ़ाकर 5 फीसदी कर दिया गया था. जिसको लेकर 1 अप्रैल 2023 को वाटर बाय लॉज को लागू कर दिया गया था. इसके अनुसार हर 1 अप्रैल को बिना किसी मंजूरी पर चर्चा किए बगैर पानी के दाम में 5% से अधिक बढ़ोतरी की जाएगी.
कमर्शियल क्षेत्र में भी पानी की कीमतों में बढ़ोतरी: यही नहीं हर साल 1 अप्रैल से सिर्फ घरों में इस्तेमाल होने वाले पानी का ही नहीं. बल्कि औद्योगिक, सरकारी, अर्ध सरकारी ऑफिस, प्राइवेट संस्थान, व्यावसायिक संस्थान, होटल, सिनेमा, टैक्सी स्टैंड जैसी अन्य तरह से संबंधित व्यावसायिक जगह पर सप्लाई किए जाने वाले पानी की कीमतों को 5% बढ़ाया जाएगा. मार्च महीने में ही चंडीगढ़ नगर निगम की तरफ से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनोवेशन टेक्नोलॉजी विभाग जो शहर के पानी के बिलों को तैयार करता है. उन्हें पत्र लिख कर पानी की दरों में बढ़ोतरी करते हुए बिल बनाने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही नगर निगम द्वारा इंजीनियरिंग विभाग के पब्लिक हेल्थ विंग से संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस बारे में अवगत करवाया गया है.
20,000 लीटर मुफ्त पानी: बता दें कि, नगर निगम की आखिरी सदन बैठक में चंडीगढ़ के मेयर कुलदीप कुमार ने 20,000 लीटर मुफ्त पानी देने के झंडे पर मुहर लगाई गई थी. हालांकि चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने इस फैसले को लागू न करने के आदेश जारी किए थे. वहीं, इंडिया गठबंधन का कहना है कि उनके पास शहर को 20,000 लीटर मुफ्त पानी मुहैया करवाने का पूरा प्लान बन चुका है, जिसके लिए चंडीगढ़ के प्रशासक द्वारा सवाल उठाए गए थे.
घरेलू इस्तेमाल वाले पानी की कीमतों में बढ़ोतरी: चंडीगढ़ प्रशासन ने 1 अप्रैल 2024 से पानी के दाम में 5 फीसदी की बढ़ोतरी की है. 1-15 के एल (किलो लीटर) के पानी के दाम पहले 3.15 रुपए थे और अब 3.37 रुपए है. वहीं, 16-30 के एल के लिए पहले 6.30 रुपए और अब 6.62 रुपए है. 31-60 के एल के लिए पहले 10.50 रुपए और अब 11.03 रुपए है. इसके अलावा 60 के एल से अधिक के लिए पहले 21.30 रुपए और अब 22.56 रुपए है.
कमर्शियल क्षेत्र में पानी के दाम: आंकड़ों के अनुसार कमर्शियल बिल्डिंग में प्रति केएल पहले 31.50 रुपए और अब 33.08 रुपए है. टैक्सी स्टैंड में प्रति केएल 31.50 रुपए और अब 33.08 रुपए है. वहीं, प्राइवेट संस्थान में पहले प्रति केएल 26.25 रुपए और अब 27.56 रुपए है. इसके अलावा बूथ शॉप को पहले प्रति महीने 1575 रुपए देने होते थे और अब 1675 रुपए देने होंगे. एससीओ/एससीएफ (छोटी बिल्डिंग में ऑफिस) को पहले प्रति महीने 1050 रुपए देने होते थे और अब 1103 रुपए देने होंगे. वहीं, होटल को पहले प्रति महीने 5250 रुपए देने होते थे, लेकिन अब 5513 रुपए देने होंगे.
क्या कहते हैं शहर प्रतिनिधि?: चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी डॉ. सनी अहलूवालिया कहते हैं "पानी कि दर बढ़ना नहीं चाहिए. नगर निगम के कुछ अधिकारी और पिछले समय के रहे मेयर द्वारा इस मामले में कुछ भी काम नहीं किया गया है. भाजपा द्वारा यह बात बार-बार कही गई है कि नगर निगम को हर साल 100 करोड़ का नुकसान हो रहा है. कहीं दूसरी और शहर में 35000 ऐसे जगह है जिन्हें पानी मुफ्त दिया जा रहा है. वहां पर लगे मित्रों को ठीक नहीं किया जा रहा है जिसके चलते वह जरूर से ज्यादा पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं और बिल देने के नाम पर कम पैसों का भुगतान कर रहे हैं."
डॉ. सनी अहलूवालिया ने बताया "2019 में यह रेट इसलिए बढ़ाए गए थे. क्योंकि भाजपा के नेता अरुण सूद के दिशा निर्देश पर उसे समय के मेयर रह चुके राजेश कालिया ने सदन की बैठक में कहा था कि इन रेट को बढ़ाना चाहिए, क्योंकि नगर निगम लॉस में चल रहा है. उस दौरान इन 35000 स्थानों को चेक ही नहीं किया गया कि इन स्थानों पर मुफ्त पानी दिया जा रहा है. यह वह लोग हैं जो 80,000 लीटर मुफ्त पानी ले रहे हैं. जिनके ₹500 रुपए तक का बिल आ रहा है. अगर इन सभी जगह का मीटर ठीक किया जाता है तो चंडीगढ़ के आम लोगों को मुफ्त पानी आराम से दिया जा सकता है."
क्य कहते हैं चंडीगढ़ बीजेपी अध्यक्ष?: वहीं, चंडीगढ़ बीजेपी अध्यक्ष जतिंदर मल्होत्रा का कहना है "मौजूदा समय अगर एक घर में बिल 1000 के करीब आता है तो 5% बढ़ोतरी के साथ वह ₹20 की ही बढ़ोतरी होती है. ऐसे में शहर वासियों को ₹20 अधिक देने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. अगर इन्फ्लेशन रेट 7 से 10% रहता है. इस बीच किसी व्यक्ति की तनख्वाह 10% बढ़ती है. ऐसे में अगर पानी के बिल में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है तो इससे उसे व्यक्ति को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. रही बात 35,000 घरों में मुफ्त पानी पहुंचाने की तो मेरा यह इंडिया गठबंधन और आम आदमी पार्टी के शहर प्रभारी डॉ. सनी अहलूवालिया से कहना है कि वह हमें उन 35,000 घरों की लिस्ट मुहैया कराएं, जिसके लिए वे हमारे ऊपर आरोप लगा रहे हैं. भाजपा वादा कर रही है कि वह चंडीगढ़ को 24 घंटे साफ पानी की सुविधा देगी. "
चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष ने उठाए सवाल: चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एच एस लक्की ने बताया "यह फैसला शहर के लिए बिल्कुल सही नहीं है. जहां शहर वासी जगह-जगह टैक्स पे करते हैं, ऐसे में उन्हें 20,000 लीटर फ्री पानी देने का फैसला इतना मुश्किल नहीं है. जहां चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के द्वारा इंडिया गठबंधन से बार-बार इस प्लान को समझने की बात कही जा रही थी. वहीं, अब हमारे पास प्लान रेडी है लेकिन प्रशासक मिलने के लिए हमें समय नहीं दे रहे हैं."
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