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एसवाईएल पर बोले केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल- विवाद की जगह बातचीत के जरिए अच्छा समाधान चाहते हैं - UNION MINISTER CR PATIL

Union Minister CR Patil: केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने SYL पर प्रतिक्रिया दी. इसके अलावा उन्होंने हरियाणा में डार्क जोन में सुधार की बात कही.

Union Minister CR Patil
Union Minister CR Patil (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 13, 2025, 8:37 AM IST

चंडीगढ़: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार बातचीत के जरिए सतलुज-यमुना लिंक नहर मुद्दे का 'अच्छा समाधान' चाहती है. रावी और व्यास नदियों से पानी के प्रभावी आवंटन के लिए नहर के निर्माण को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच दशकों से टकराव चल रहा है. परियोजना में 214 किलोमीटर लंबी नहर बनाने की परिकल्पना की गई थी, जिसमें से 122 किलोमीटर पंजाब में और 92 किलोमीटर हरियाणा में बनाई जानी थी.

'बातचीत के जरिए एसवाईएल का समाधान': हरियाणा ने अपने क्षेत्र में परियोजना पूरी कर ली है, लेकिन पंजाब की तरफ से निर्माण बाकी है. पंजाब ने 1982 में निर्माण कार्य शुरू किया था. जिसके बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. पाटिल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि हरियाणा, पंजाब और केंद्र को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक साथ बैठना चाहिए. पाटिल ने कहा, "इस संबंध में पहले भी प्रयास किए गए थे और मैं भी प्रयास कर रहा हूं." उन्होंने कहा कि हम किसी विवाद के बजाय बातचीत के माध्यम से इस मुद्दे का "अच्छा समाधान" चाहते हैं.

'पंजाब को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करना चाहिए': "हम समझते हैं कि ये हरियाणा के लिए महत्वपूर्ण है (कि इस मुद्दे का समाधान होना चाहिए)" उन्होंने कहा पंजाब से अलग होकर 1 नवंबर 1966 को हरियाणा राज्य बना था. हरियाणा 3.5 मिलियन एकड़ फीट (एमएएफ) पानी का अपना हिस्सा पाने के लिए नहर के पूरा होने की मांग कर रहा है. पंजाब को नहर के पूरा होने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करना चाहिए.

शीर्ष अदालत ने 15 जनवरी, 2002 को हरियाणा द्वारा 1996 में दायर एक मुकदमे में उसके पक्ष में फैसला सुनाया था और पंजाब सरकार को एसवाईएल नहर के अपने हिस्से का निर्माण करने का निर्देश दिया था. पंजाब ने अतीत में कहा है कि उसके पास साझा करने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है.

यमुना में जहर के मुद्दे पर की प्रतिक्रिया: दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान यमुना में जहर के मुद्दे पर जमकर सियासत हुई. इस मुद्दे पर पाटिल ने कहा, 'मैं पिछले 16 सालों से दिल्ली का पानी पी रहा हूं और जिंदा हूं. अगर (यमुना के पानी में) जहर होता तो मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं कर रहा होता.' पाटिल ने कहा कि दिल्ली में निकलने वाले कूड़े, गंदे सीवेज और औद्योगिक कचरे के कारण यमुना नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत का जिक्र करते हुए पाटिल ने कहा, 'नई सरकार बनने के बाद हम यमुना को वैसे ही साफ करेंगे जैसे हमने गंगा को साफ किया है.'

दिल्ली को दिया जा रहा पर्याप्त पानी: आप पर निशाना साधते हुए सीआर पाटिल ने कहा कि वे हमेशा दिल्ली के लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं. हरियाणा से दिल्ली को पानी छोड़े जाने के मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि फिलहाल दिल्ली को 700 एमसीएम की मांग के मुकाबले 925 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी की आपूर्ति की जा रही है. इसलिए, हरियाणा द्वारा दिल्ली को पर्याप्त पानी की आपूर्ति की जा रही है.

हरियाणा में डार्क जोन ब्लॉकों के भूजल स्तर में सुधार: सीआर पाटिल ने कहा कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए लोगों में जागरूकता लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने वर्षा जल संचयन के बारे में बात की और ये भी कहा कि हर खेत में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए काम चल रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा के डार्क जोन ब्लॉकों में भूजल स्तर को सुधारने के लिए समर्पित उपाय किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश भर में करीब 150 जिले हैं जहां कई ब्लॉक भूजल स्तर में गिरावट के कारण डार्क जोन में वर्गीकृत किए गए हैं. हरियाणा भी इस सूची में शामिल है.

ये भी पढ़ें- 7 मार्च से शुरू होगा हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र, महिलाओं को 2100 रुपए देने के वादे पर रहेगी नजर - BUDGET SESSION OF HARYANA

ये भी पढ़ें- हरियाणा के "गब्बर" ने दिया शो कॉज नोटिस का जवाब, कहा- किसी और बात का जवाब चाहिए तो वो भी दे देंगे - ANIL VIJ SHOW CAUSE NOTICE REPLIED

चंडीगढ़: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार बातचीत के जरिए सतलुज-यमुना लिंक नहर मुद्दे का 'अच्छा समाधान' चाहती है. रावी और व्यास नदियों से पानी के प्रभावी आवंटन के लिए नहर के निर्माण को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच दशकों से टकराव चल रहा है. परियोजना में 214 किलोमीटर लंबी नहर बनाने की परिकल्पना की गई थी, जिसमें से 122 किलोमीटर पंजाब में और 92 किलोमीटर हरियाणा में बनाई जानी थी.

'बातचीत के जरिए एसवाईएल का समाधान': हरियाणा ने अपने क्षेत्र में परियोजना पूरी कर ली है, लेकिन पंजाब की तरफ से निर्माण बाकी है. पंजाब ने 1982 में निर्माण कार्य शुरू किया था. जिसके बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. पाटिल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि हरियाणा, पंजाब और केंद्र को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक साथ बैठना चाहिए. पाटिल ने कहा, "इस संबंध में पहले भी प्रयास किए गए थे और मैं भी प्रयास कर रहा हूं." उन्होंने कहा कि हम किसी विवाद के बजाय बातचीत के माध्यम से इस मुद्दे का "अच्छा समाधान" चाहते हैं.

'पंजाब को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करना चाहिए': "हम समझते हैं कि ये हरियाणा के लिए महत्वपूर्ण है (कि इस मुद्दे का समाधान होना चाहिए)" उन्होंने कहा पंजाब से अलग होकर 1 नवंबर 1966 को हरियाणा राज्य बना था. हरियाणा 3.5 मिलियन एकड़ फीट (एमएएफ) पानी का अपना हिस्सा पाने के लिए नहर के पूरा होने की मांग कर रहा है. पंजाब को नहर के पूरा होने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करना चाहिए.

शीर्ष अदालत ने 15 जनवरी, 2002 को हरियाणा द्वारा 1996 में दायर एक मुकदमे में उसके पक्ष में फैसला सुनाया था और पंजाब सरकार को एसवाईएल नहर के अपने हिस्से का निर्माण करने का निर्देश दिया था. पंजाब ने अतीत में कहा है कि उसके पास साझा करने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है.

यमुना में जहर के मुद्दे पर की प्रतिक्रिया: दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान यमुना में जहर के मुद्दे पर जमकर सियासत हुई. इस मुद्दे पर पाटिल ने कहा, 'मैं पिछले 16 सालों से दिल्ली का पानी पी रहा हूं और जिंदा हूं. अगर (यमुना के पानी में) जहर होता तो मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं कर रहा होता.' पाटिल ने कहा कि दिल्ली में निकलने वाले कूड़े, गंदे सीवेज और औद्योगिक कचरे के कारण यमुना नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत का जिक्र करते हुए पाटिल ने कहा, 'नई सरकार बनने के बाद हम यमुना को वैसे ही साफ करेंगे जैसे हमने गंगा को साफ किया है.'

दिल्ली को दिया जा रहा पर्याप्त पानी: आप पर निशाना साधते हुए सीआर पाटिल ने कहा कि वे हमेशा दिल्ली के लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं. हरियाणा से दिल्ली को पानी छोड़े जाने के मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि फिलहाल दिल्ली को 700 एमसीएम की मांग के मुकाबले 925 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी की आपूर्ति की जा रही है. इसलिए, हरियाणा द्वारा दिल्ली को पर्याप्त पानी की आपूर्ति की जा रही है.

हरियाणा में डार्क जोन ब्लॉकों के भूजल स्तर में सुधार: सीआर पाटिल ने कहा कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए लोगों में जागरूकता लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने वर्षा जल संचयन के बारे में बात की और ये भी कहा कि हर खेत में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए काम चल रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा के डार्क जोन ब्लॉकों में भूजल स्तर को सुधारने के लिए समर्पित उपाय किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश भर में करीब 150 जिले हैं जहां कई ब्लॉक भूजल स्तर में गिरावट के कारण डार्क जोन में वर्गीकृत किए गए हैं. हरियाणा भी इस सूची में शामिल है.

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